विपक्षी नेता राष्ट्रपति से नए संसद भवन का उद्घाटन कराए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। अब इसी बीच विरोध, तकरार और बहिष्कार के बीच सपा मुखिया अखिलेश यादव का बड़ा बयान सामने आया है। सपा सुप्रीमो ने नई संसद के उद्घाटन से जरूरी लोकतंत्रातिक परंपराओं को बढ़ावा देने और निभाने की मांग की है।
नई संसद पर क्या बोल गए सपा के मुखिया?
BJP पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “नई संसद से अधिक जरूरी लोकतांत्रिक परंपराओं को बढ़ाया और निभाया जाए। जो लोग विपक्ष का सम्मान नहीं करते, जो नफरत से राजनीति करते हों और जो जनता से झूठ बोले और उसको छुपाने के लिए एक-एक कार्यक्रम करें। उनके कार्यक्रमों में जाने से क्या फायदा?”
27 मई यानी आज सपा मुखिया गोरखपुर पहुंचे हैं। गोरखपुर में उन्होंने मालवीय नगर स्थित पूर्व विधायक शारदा देवी के पति को श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि विपक्षी दलों ने BJP पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करने पर ‘दरकिनार’ करने का आरोप लगाया है। नए संसद भवन की आधारशीला पीएम मोदी ने रखी थी। निर्माण कार्य10 दिसंबर 2020 को शुरू किया गया था। साल 1927 में तैयार हुई संसद की पुरानी इमारत करीब 100 साल की हो चुकी है।