Gonda News: डीएम नेहा शर्मा ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत नवम्बर, 2024 का भ्रमण की समीक्षा की गई। एनआरसी में भर्ती बच्चों, आरसीएच पोर्टल फीडिंग के स्टेटस, एनपीसीडीसीएस, राष्ट्रीय कुष्ठ नियंत्रण कार्यक्रम, राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिक्षीणता नियंत्रण कार्यक्रम आदि सभी की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समय से कार्य कराना सुनिश्चित करें। डीएम ने जिले के सभी सीएससी अधीक्षकों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं की योजनावार समीक्षा की। समीक्षा के दौरान डीएम ने सभी सीएससी अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि सभी योजनाओं के कार्य समय से पूर्ण कराया जाय। तथा समय-समय पर अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से योजनावार समीक्षा भी की जाय। ताकि योजनाओं का क्रियान्वयन समय से किया जा सके।
अधीक्षक सीएचसी पर ही निवास करें
जिलाधिकारी ने कहा कि जनसामान्य को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए सभी सीएचसी अधीक्षक सीएचसी पर ही निवास करें। संस्थागत प्रसव एवं विभिन्न प्रकार के टीकों को समय से लगवाना सुनिश्चित करें। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के निर्माण कार्यों की समीक्षा की गई। समीक्षा में बचे हुए कार्यों को समय से पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
फीडिंग न करने वाली एएनएम पर होगी कार्रवाई
आयुष्मान कार्ड के माध्यम से मरीजों को भर्ती करायें। साथ ही इस पर विशेष ध्यान दिया जाय। ई-कवच को पोर्टल को अपडेट करें। प्रसव केंद्र पर प्रसव की संख्या बढ़ाएं। सब सेंटरों पर एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित की जाये। ताकि सेंटर पर आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिया जा सके। समीक्षा बैठक के दौरान झंझरी ब्लॉक में एएनसी फीडिंग की प्रगति मिली खराब समय से फीडिंग न करने वाली एएनएम पर कार्रवाई होगी।
अब टीवी मरीजों को मिलेंगे एक हजार
डीएम ने कहा कि टीवी मरीजों को दी जाने वाली धनराशि को 500 सौ रुपये से बढ़ाकर एक हजार कर दिया गया है। अब इन मरीजों को 6 माह में दो बार तीन- तीन हजार रुपये की धनराशि मिलेगी। टीवी मुक्त अभियान के लिए जिले के कई विभाग काम करेंगे। शहर से लेकर गांव तक हर घर की होगी टीवी मुक्त के लिए स्क्रीनिंग अभियान चलाया जाएगा। रुपईडीह एवं बभनजोत अधीक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश
जिले के सभी सीएचसी पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान सीएचसी रुपईडीह एवं बभनजोत की प्रगति खराब पाई गई। जिस पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए दोनों सीएचसी अधीक्षकों का वेतन रोकने के निर्देश दिये हैं।