scriptKishore Kunal Death: कौन थे महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल? राम मंदिर निर्माण में निभाई बड़ी भूमिका | Acharya kishore kunal death secretary of Mahavir Mandir Nyas Samiti Ram Mandir ayodhya life ips journey education | Patrika News
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Kishore Kunal Death: कौन थे महावीर मंदिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल? राम मंदिर निर्माण में निभाई बड़ी भूमिका

Acharya Kishore Kunal Death: एक प्रख्यात धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व के तौर पर आचार्य किशोर कुणाल ने भारतीय समाज में अपने कार्यों से महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी थे, जहां उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपने योगदान और समर्थन से धार्मिक समुदाय को प्रेरित किया।

पटनाDec 29, 2024 / 03:31 pm

Akash Sharma

Acharya Kishore Kunal Death

Acharya Kishore Kunal

Acharya Kishore Kunal Death Update: पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल का आज यानी रविवार सुबह हृदय गति रुकने से निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें तुरंत महावीर वत्सला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आचार्य किशोर कुणाल का अंतिम संस्कार सोमवार को बिहार के हाजीपुर जिले के कोनारा घाट पर किया जाएगा। किशोर कुणाल की पहचान समाज, संस्कृति और आध्यात्म के प्रति समर्पित योद्धा के तौर पर रही है। आचार्य किशोर कुणाल का जीवन न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बल्कि एक धार्मिक प्रचारक और समाज सुधारक के रूप में भी प्रभावशाली रहा।

आचार्य किशोर कुणाल का प्रारंभिक जीवन

आचार्य किशोर कुणाल का जीवन प्रेरणा, संघर्ष, शिक्षा और सेवा का जीता-जागता मिसाल है। उनका जन्म 10 अगस्त 1950 को बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बरुराज गांव के एक सामान्य परिवार में हुआ था। पिता रामचंद्र शाही एक किसान और समाजसेवी थे और मां रूपमती देवी गृहिणी थीं। किशोर कुणाल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई थी और उन्होंने बरुराज हाई स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की। इसके बाद उन्होंने एलएस कॉजेल मुजफ्फरपुर से इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। इसके बाद वो उच्च शिक्षा के लिए पटना गए और पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। किशोर कुणाल ने अपनी पढ़ाई के साथ-साथ सिविल सेवा की तैयारी भी शुरू कर दी थी।
Acharya Kishor kunal
आचार्य किशोर कुणाल (फाइल फोटो)

आचार्य किशोर कुणाल एक सम्मानित अधिकारी रहे

आचार्य किशोर कुणाल को 1972 में उनकी कड़ी मेहनत और लगन का फल मिला, जब वे गुजरात कैडर में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी बने। उनकी पहली पोस्टिंग गुजरात के आणंद जिले में हुई, जहां उन्हें SP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) बनाया गया। इसके बाद 1978 में उन्हें अहमदाबाद का पुलिस उपायुक्त (DCP) बनाया गया। किशोर कुणाल ने कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया और समाज की सेवा की। 1983 में उन्हें पटना का SSP (सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस) बनाया गया, जहां उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उसके बाद कुणाल ने 1990 से 1994 तक गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर काम किया। अपनी प्रशासनिक दक्षता और निष्ठा से वे पुलिस सेवा में एक सम्मानित अधिकारी बने।
Acharya Kishore Kunal with President Draupadi Murmu
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ आचार्य किशोर कुणाल (फाइल फोटो)

राम मंदिर ट्रस्ट के थे सदस्य

एक प्रख्यात धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व के तौर पर आचार्य किशोर कुणाल ने भारतीय समाज में अपने कार्यों से महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे महावीर मंदिर न्यास के सचिव के रूप में कार्यरत थे और इसके माध्यम से उन्होंने धार्मिक गतिविधियों और समाज सेवा में अहम भूमिका निभाई। इसके अलावा वे राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी थे, जहां उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए अपने योगदान और समर्थन से धार्मिक समुदाय को प्रेरित किया। किशोर कुणाल की पहचान समाज, संस्कृति और आध्यात्म के प्रति समर्पित योद्धा के तौर पर रही है। पटना में महावीर मंदिर निर्माण, महावीर कैंसर अस्पताल जैसे अनेक कार्यों के वे प्रणेता रहे। किशोर कुणाल का जीवन न केवल एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में बल्कि एक धार्मिक प्रचारक और समाज सुधारक के रूप में भी प्रभावशाली रहा।

स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई संस्थानों की स्थापना की

आचार्य किशोर कुणाल ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना की, जो समाज के कल्याण में उनका योगदान दर्शाते हैं। उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय और ज्ञान निकेतन स्कूल जैसी संस्थाओं की स्थापना की, जो आज भी हजारों लोगों के जीवन में बदलाव ला रही हैं। इन संस्थानों के माध्यम से उन्होंने समाज में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की पहुंच को बेहतर बनाने की कोशिश की। उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक योगदान को देखते हुए वर्ष 2008 में भगवान महावीर पुरस्कार से नवाजा गया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया था।

IPS नौकरी से इसलिए दिया इस्तीफा

आचार्य किशोर कुणाल की भूमिका एक मध्यस्थ के रूप में भी महत्वपूर्ण रही, खासकर जब वीपी सिंह की सरकार के दौरान उन्हें एक अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। वीपी सिंह की सरकार ने अयोध्या विवाद को संभालने के लिए गृहराज्य मंत्री के नेतृत्व में 1990 में एक ‘अयोध्या सेल’ की स्थापना की थी। केंद्र सरकार द्वारा विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बाबरी मस्जिद कमेटी के बीच मध्यस्थता के लिए उन्हें विशेष अधिकारी नियुक्त किया गया था। साल 2000 में किशोर कुणाल ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया और अपनी IPS नौकरी से इस्तीफा दे दिया। उनका मन धर्म और आध्यात्म की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित था। इसके बाद उन्होंने धार्मिक कार्यों और समाज सेवा में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया। उन्हें केएसडी संस्कृत यूनिवर्सिटी दरभंगा के कुलपति की जिम्मेदारी सौंपी गई। जहां वो साल 2004 तक इस पद पर रहे।

बिहार राज्य के मंदिरों के लिए किया काम

किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रशासक बने। बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सुधार किए और राज्य के प्रमुख मंदिरों को धार्मिक न्यास से जोड़ा। इससे न केवल मंदिरों का प्रशासन बेहतर हुआ, बल्कि धार्मिक गतिविधियों में भी पारदर्शिता और समृद्धि आई। इसके अलावा किशोर कुणाल ने दलित समाज के साधुओं को मंदिरों का पुजारी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह कदम सामाजिक समानता और धार्मिक समावेशिता की दिशा में एक बड़ा कदम था, जिससे समाज में एक सकारात्मक बदलाव आया। उनके इस कार्य ने उन्हें समाज के सभी वर्गों में सम्मान और प्रेम दिलाया और वे एक प्रेरणा स्रोत बन गए।

बिहार CM,लालू-रावड़ी सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू यादव ने रविवार को एक बयान जारी कर महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव किशोर कुणाल के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन राज्य के लिए एक अपूरणीय क्षति है। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, सांसद मीसा भारती और पार्टी के अन्य नेताओं ने भी किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त किया, जो पूर्व भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी भी थे। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने रविवार को पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव और पूर्व IPS अधिकारी किशोर कुणाल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है। किशोर कुणाल ने आध्यात्मिक दुनिया में अपनी छाप छोड़ी है।’ नीतिश कुमार ने किया पूर्व IPS अधिकारी, बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के पूर्व अध्यक्ष और महावीर मंदिर न्यास समिति के संस्थापक सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी का निधन दुःखद। वे एक कुशल प्रशासक एवं संवेदनशील पदाधिकारी थे। उनके निधन से प्रशासनिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। दिवंगत आत्मा की चिर शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना है।

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