मामला गाजीपुर जिले के सेवराई तहसील अंतर्गत भदौरा ब्लाॅक के बारा गांव का है। गांव के रहने वाले पप्पू के सिर से बचपन में ही मां-बाप का साया उठ गया। माता-पिता की मौत के बाद जब पप्पू की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा तो गांव के ही एक मुस्लिम पेशे से किसान शेर खान ने हिंदू पप्पू को अपनाया। उनके इस फैसले में उनके परिवार ने भी उनका साथ दिया।
14 साल अपने परिवार में अपने घर में रखा और उसकी परवरिश बिल्कुल अपने बेटों की तरह की। आखिरकार मुस्लिम पिता का हिंदू बेटा बड़ा हुआ तो उसका घर बसाने के लिये पिता ने उसकी शादी भी एक हिंदू परिवार में हिंदू रीति रिवाज से की। शेर खान ने बेटे पप्पू की शादी अपने मित्र बहादुर राम की मदद से उतरौली गांव के भगवान राम की पुत्री कश्मीरा के साथ तय की। 22 मार्च को शेर अली ने बेटे पप्पू के सिर पर सेहरा सजाया और गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से उसकी बारात लेकर गए।
बेटे की इच्छानुसार हिंदू रीति रिवाज से उसकी शादी कराई गई। इस शादी में शेर खान की पत्नी व परिवार के साथ स्थानीय लोगों ने भी शिरकत की। बेटे की शादी से खुश शेर खान ने बताया कि मां-बाप की मौत के बाद मासूम पप्पू अनाथ हो गया था। इसके बाद उन्होंने उसे 4 साल की उम्र में गोद ले लिया और 16 साल तक अपने साथ रखकर उसकी परवरिश और शिक्षा-दीक्षा संपन्न कराई। उन्होंने बताया कि उसका सगा कोई नहीं था। इसलिये उसकी शादी का फर्ज निभाते हुए उसी के धर्म और बिरादरी में उसकी शादी करा दी। शेर खान ने पप्पू को रहने के लिये एक मकान भी बनवाकर दिया है।
By Alok Tripathi