मालूम हो कि 10 सितंबर को डासना टोल पर टोल के रुपयों को लेकर कार सवार युवकों और टोल पर तैनात कर्मचारियों के बीच में विवाद हो गया। पहले तो इनके बीच में टोल के रुपयों को लेकर कहासुनी हो गई। बाद में मामला मारपीट तक पहुंच गया। आरोप है कि टोल कर्मचारियों ने कार सवार युवकों को दौड़ा—दौडाकर पीटा है। इस दौरान टोल कर्मियों ने जमकर गुंडई की और कार सवार को जमकर पीटा था। इस पूरे घटनाक्रम का 11 सितंबर को सोशल मीडिया में वीडिया वायरल हो गया। आरोप है कि पहले तो पुलिस मामले की एफआईआर ही दर्ज नहीं कर रही थी।
वीडियो वायरल होने के बाद में एसएसपी वैभव कृष्ण ने एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। मारपीट के इस मामले में मसूरी थाना में 15 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मारपीट, बलवा, हत्या के प्रयास आदि की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि मामला दर्ज होने के बाद मसूरी इंस्पेक्टर जितेंद्र सक्सेना ने धारा 307 हटाकर जिला अदालत को सूचना भेज दी। बताया गया है कि इसकी जानकारी एसएसपी को भी नहीं दी गई। पूरा मामला एसएसपी के सामने आया तो उन्होंने जांच कराई। जांच में पूरा मामला सामने आने के बाद में एसएसपी ने जितेंद्र सक्सेना को सस्पेंड कर दिया। अब चार्जशीट में धारा बढ़ाने की बात एसएसपी ने की है। वहीं महिला पर गलत मुकदमा दर्ज करने के मामले में दरोगा को लाइन हाजिर किया गया है। इस मामले की शिकायत लोनी के विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने की थी।