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इसे बनाने के लिए एक पानी की बोतल और एक प्रेशर पंप की जरूरत पड़ती है। पूनम के पति की कूलर की फैक्ट्री है। इसलिए उनके घर में ये प्रेशर पंप रखे हुए थे। बोतल के ऊपर प्रेशर पंप को लगाकर उन्होंने ये फोल्डिंग सैनिटाइजिंग मशीन तैयार कर दी। अब इन मशीनों को वह ज़रूरतमंदों को भेंट कर रही हैं। इन मशीनों में बोतल में हाइपोक्लोराइट का घोल मिलाकर किसी भी जगह को सैनिटाइज किया जा सकता है। ये मशीन एक जगह से दूसरी जगह तक आसानी से ले जाई जा सकती है। घर में बैठकर सामाजिक जिम्मेदारी निभा रहीं पूनम जैसी महिलाएं भी कोरोना योद्धा से कम नहीं है।
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पूनम ने अपनी बनाई हुई इन मशीनों को अपने आस-पड़ोस और मिलने वालों को भी भेंट की हैं। पूनम का कहना है कि इस मशीन को कोई भी तैयार कर सकता है। मुश्किल से 100 से डेढ़ सो रुपये तक इसे बनाने में खर्चा आता है। इसके अलावा करीब डेढ़ सौ रुपए की दवाई इसके अंदर डलती है। इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है। खासतौर से यह मशीन ऑफिस के अंदर बेहद कारगर साबित हो सकती है।