अभी भी कमजोर है लोगों के फेफड़ें कोरोना का प्रभाव सबसे ज्यादा बीमार लोगों के फेफड़ों पर पड़ा है। कोविड पाजिटिव रहे काफी लोग ऐसे हैं, जिनका फेफड़ा पूर्व की तरह न होकर अब कमजोर हो चुके हैं, लेकिन दवाइयों और खानपान के कारण वे धीरे-धीरे मजबूत हो रहे है। ऐसे में दीपावली पर पटाखों का धुआं उनके लिए जहर साबित हो सकता है। ऐसे लोगों को दोबारा सांस फूलने की समस्या बढ़ने पर उन्हें अस्पताल तक में भर्ती होना पड़ सकता है।
इस साल न फोड़े पटाखा उन्होंने लोगों से अपील किया कि कोरोना के पूर्व मरीजों के स्वास्थ्य को देखते हुए इस साल पटाखा न फोड़े। उन्होंने कहा कि लोगों को चाहिए कि अपने और आसपास के परिवार के लोगों को पटाखा फोड़ने से मना करें। जिससे कि किसी ऐसे पोस्ट कोविड मरीज को परेशानी का सामना न करना पड़े।
सेहत के लिए खतरा है पटाखा का धुआं डॉ. वीरोत्तम तोमर का कहना है कि शहर से लेकर गांव तक एक बड़ी संख्या ऐसी है, जो कोविड पॉजिटिव तो हुए, लेकिन उन्होंने जांच नहीं कराया। दुकान से दवा लेकर खा कर ठीक हो गए। कोविड से अलग-अलग स्तर तक लोगों का फेफड़ा प्रभावित हुआ है। ऐसे में इन सभी के लिए पटाखों का धुंआ नुकसानदेह साबित हो सकता है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों का सीटी स्कोर 22 से 25 फीसद तक है, ऐसे मरीजों की सेहत के लिए पटाखा का धुआं गंभीर खतरा है। कोविड प्रभावित रहे लोगों को चाहिए कि नियमित रूप से मास्क का प्रयोग करें। धुंआ से दूर रहें।