इस मामले में पीड़ित कामिल और उसके परिजनों का कहना है कि वह अपनी मोबाइल की दुकान पर मौजूद था। उसकी गाड़ी दुकान के आगे ही खड़ी हुई थी। अचानक ही पुलिसकर्मी आए और फोटो खींचकर उसका चालान करने लगे। इस बात पर सिर्फ युवक द्वारा पुलिसकर्मियों को टोका गया। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी और उसे गाड़ी में डालकर थाने ले गए। आरोप है कि थाने में भी कामिल की जमकर पिटाई की गई।
कुछ देर बाद जब स्थानीय लोग थाने पर पहुंचे और उन्होंने थाने पर हंगामा करना शुरू कर दिया तो उसे छोड़ा गया। कामिल का कहना है कि आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसने पुलिस के आला अधिकारियों से स्थानीय पुलिस की लिखित में शिकायत करते हुए उनसे न्याय की गुहार लगाई है। वहीं इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी सदर धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि थाना मसूरी इलाके के डासना कस्बे में लोग अक्सर सड़क पर ही गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। जिसके बाद वहां से निकलने वाले अन्य लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों के द्वारा ही थाना मसूरी पुलिस से इस बात की शिकायत की गई थी। जिसके बाद थाना मसूरी पुलिस द्वारा सड़क पर गाड़ी खड़े करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया गया और सड़क पर खड़ी कामिल नामक युवक की गाड़ी का चालान किया जा रहा था।
सीओ ने बताया कि इसी दौरान कामिल पुलिसकर्मियों से ही भिड़ गया। जब वह पुलिसकर्मियों के साथ हाथापाई करने लगा तो उसे थाने लाया गया। लेकिन स्थानीय लोगों के पहुंचने पर कामिल को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया। कामिल के द्वारा स्थानीय पुलिस की शिकायत की गई है। जिसमें बताया गया है कि उसकी बेवजह पुलिस के द्वारा पिटाई की गई है। पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।