स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस मशीन से टीबी की जांच प्रक्रिया तेज, सटीक और सस्ती हो सकेगी। इसके अलावा यह मशीन कोविड-19 संक्रमण की भी जांच कर सकती है और इसमें एक साथ दो सैंपल लगाए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, इनकी रिपोर्ट भी महज दो घंटे में प्राप्त हो जाएगी। ऐसे में जांच प्रक्रिया में काफी तेजी आएगी। वहीं अब तक विदेशी मशीन सीबीनॉट से जांच की जाती है।
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद के जिला क्षय रोग अधिकारी डा. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि सीबीनॉट मशीन की लागत 27 लाख रुपए है। इसके अलावा जांच के लिए प्रयोग किया जाने वाला कार्टिलेज भी काफी महंगा है, जबकि ट्रू-नेट मशीन का कार्टिलेज सस्ता पड़ेगा। फिलहाल गाजियाबाद को एक मशीन आवंटित हुई है। मशीन को रिसीव करने के लिए मुख्यालय लखनऊ बुलाया गया है। राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश को 55 ट्रू-नेट मशीनें उपलब्ध कराई हैं। राज्य क्षय नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की ओर से इन मशीनों को सूबे के 55 जिलों को आवंटित भी कर दिया गया है। गाजियाबाद के हिस्से भी ट्रू-नेट मशीन आई है।
डा. जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि मशीन जिला एमएमजी अस्पताल में लगाई जाएगी। मशीन का संचालन करने के लिए जल्द ही लैब टैक्नीशियन की ट्रेनिंग कराई जाएगी। ताकि शीघ्र ही मशीन का लाभ मरीजों को मिल सके। राज्य क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी की और से जिला क्षय रोग अधिकारी को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि इन मशीनों की मदद से न केवल टीबी की जांच होगी बल्कि कोविड-19 संक्रमण की जांच भी की जा सकेगी। टीबी की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास सीबीनॉट मशीन थी। ट्रू-नेट मशीन उससे भी एडवांस बताई जा रही है।ट्रू-नेट मशीन से प्राप्त कोविड-19 संक्रमण की रिपोर्ट को प्रतिदिन प्रदेश पोर्टल और आईसीएमआर पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जिससे हर जिले की पूरी स्थिति से सरकार के साथ-साथ अन्य लोग अवगत रह सकते हैं।