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इससे पहले 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 22,12, 2017 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इन सभी जातियों को sc में शामिल करने की घोषणा कर दी थी। मगर डॉ. बीआर अंबेडकर ग्रंथालय एवं जनकल्याण ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस के खिलाफ जनहित याचिका दायर कर दी थी, जिसको कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इसी वजह से तब कोई भी सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाया था।
मगर यूपी की बीजेपी सरकार ने अब कोर्ट में पैरोकारी करते हुवे उस जनहित याचिका को स्थगित आदेश निरस्त करा दिया और यूपी की इन 17 जातियों को sc की सूची में डालकर अधिकारियों को प्रमाण-पत्र बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। ये शासनादेश 24, 6, 2019 को जारी कर दिया गया। यानी अब up में 17 और जातिया भी अनुसूचित जाति में शामिल हो गुई हैं। up में इन की आबादी 15% है। इस घोषणा के बाद आरक्षण का लाभ मिलने वाली जातियां ओर उन के नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का शुक्रिया किया है।
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ये घोषणा बीजेपी ने ऐसे समय मे की है, जब उप चुनाव होने वाले है। ऐसे में bjp को इस घोषणा का भरपूर लाभ मिलने की संभावना जताई जा रही है। यूपी सरकार के इस फैसले पर कश्यप समाज सहित सभी आरक्षण का लाभ पाने वाले लोगों ने मोदी और योगी का धन्यवाद किया है । वहीं, दूसरी तरफ ये खतरा भी बना हुवा है कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ कोई सुप्रीम में न चला जाए। यदि ऐसा हुआ तो एक बार ये आरक्षण फिर से चुनावी लॉलीपॉक ही साबित होंगा।