मैगजीन ने छापी उपलब्धि की कहानी
इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग के अधिकारी डॉ अनुज कुमार सिंह ने बताया कि जिले में तमाम ऐसे कुत्ते हैं जिनकी मौत हो जाने के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं हो पाता या कहीं किया भी जाता है तो आपस में विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। इसलिए इस बात को विशेष ध्यान में रखते हुए अब जिले में एक कुत्तों के अंतिम संस्कार करने के लिए अंत्येष्टि स्थल बनाया जा रहा है। बड़ी बात यह है कि यहां पर कुत्तों की अंत्येष्टि सीएनजी की मशीन से होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए करीब 14 लाख रुपए का एक वर्क ऑर्डर तैयार किया गया है और अब नंद ग्राम में एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर के पास ही कुत्तों के अंतिम संस्कार के लिए अंत्येष्टि स्थल जल्द ही तैयार हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए पूरी प्रक्रिया तैयार कर ली गई है और अंत्येष्टि स्थल पर कुत्तों का अंतिम संस्कार करने के लिए पर्ची कटवानी पड़ेगी यानी इसके लिए शुल्क भी देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि इसकी पूरी व्यवस्था करने के लिए यहां पर कार्य करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। सिर्फ लावारिस कुत्तों का अंतिम संस्कार निशुल्क किया जाएगा। यदि पालतू कुत्ते होंगे और उनका अंतिम संस्कार कराया जाएगा तो उसके लिए एक चार्ज भी फिक्स किया जाएगा। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में इस तरह की पहली और विशेष व्यवस्था की जा रही है।पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग की इस पहल का गाजियाबाद के क्षेत्रीय लोगों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे कुत्तों की दुर्दशा होने से बचेगी। अभी तक कोई अंत्येष्टि स्थल ना होने की वजह से मरने वाले लावारिस कुत्तों को इधर-उधर फेंक दिया जाता था। इससे उनके शव की तो दुर्दशा होती ही थी बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना रहता था। अब जिस तरह से पशु चिकित्सा एवं कल्याण विभाग ने कुत्तों की अंत्येष्टि के लिए स्थल बनाने की योजना तैयार की है इससे काफी लाभ होगा। क्षेत्रवासियों ने यह भी कहा है कि जो पेट डॉग हैं यानी जो पालतू कुत्ते हैं उनकी अंत्येष्टि के लिए भी विभाग को उचित शुल्क ही लगाना चाहिए, ताकि सभी लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें और अधिक से अधिक अंत्येष्टि स्थल का प्रयोग हो सके।