पत्र में मदन भैया ने कहा है कि ठंड के बावजूद किसान अपनी मांग को लेकर दो महीने से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका यह आंदोलन गैर राजनीतिक और शांतिपूर्ण है। लेकिन एक देशद्रोही की उपद्रवी घटना ने देश को शर्मसान कर दिया। जिसकी वजह से निर्दोष होते हुए भी किसानों का आत्मविश्वास व मनोबल टूट सा गया था। लेकिन मैं राकेश टिकैत व उनके समर्थकों का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने अपना जीवन तक दाव पर लगाकर इस देश के किसानों को नई दिशा, नई ऊर्जा और नई पहचान देने का काम किया है।
नाम लिए बिना लोनी विधायक नंद किशोर गुर्जर पर निशाना साधते हुए मदन भैया ने कहा कि पिछले दिनों अपने नाम के पीछे गुर्जर लगाने वाले एक शख्स के किसान विरोध कृत से गुर्जर समाज आहत हुआ है। गुर्जर समाज की पहचान भी एक किसान के रूप में इस देश में होती है। ऐसे में गुर्जर समाज के किसी व्यक्ति द्वारा देश के किसानों के हित में चल रहे आंदोलन में उपद्रवी मंशा से जाना गुर्जर समाज के गौरव को ठेंस पहुंचाने से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि मैं किसान संगठनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि गुर्जर समाज किसान आंदोलन का समर्थन करता है और करता रहेगा। चंद लोगों की नीच हरकत की गुर्जर समाज के लोग निंदा कर रहे हैं। मैं विशेष तौर पर इस आंदोलन के महानायक राकेश टिकैत को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि गुर्जर समाज उनके साथ आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। टिकैत के एक आंसू को समुद्र के सैलाब में तबदील करने के लिए गुर्जर समाज पूरी तरह साथ है।