लाखों की कतार में लगे लोग इस दुनिया में खुद की एक पहचान बनाना चाहते हैं। किंतु वही लोग कुछ करते हैं जिनमे अलग तरह का एक जुनून और कुछ करने की इच्छा होती है। कैसे यह फिल्मी दुनिया लोगो को अपना पेशा बदलने पर मजबूर कर देता है, इसका एक बेहतर उदाहरण डॉ स्वरुप पुराणिक है जिन्होंने अपने अनुभव और अपने जुनून से इस फिल्मी दुनिया में कदम रखा। यह कहना है डॉ. स्वरूप पुराणिक का।
जिन्होंने गौड सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में ये बात कही। डा. स्परूप पुराणिक एक उद्यमी, खिलाड़ी और अब एक निर्देशक और निर्माता के रूप में फिल्म उद्योग में स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि आप एक क्षेत्र में कामयाब नहीं हो रहे हैं तो दूसरे क्षेत्र में जरूर कोशिश करेंं, क्योंकि आपकी सोच आपके कामयाबी का रास्ता तय करती है।
उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का पेशा अलग-अलग हो सकता है किंतु कहीं ना कहीं उसके जीवन में एक हिस्सा अपने शुरुआती सपनों के लिए हमेशा जिंदा रहता है। डा. पुराणिक ने कंपनी टीआईजीपी (TIGP) को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया है।
उन्होंने कहा कि फिल्मी दुनिया बहुत ही अलग थी, जहां पर अलग-अलग काम के लिए कई लोगों ने अपना उद्योग बना रखा था। डॉ.स्वरूप पुराणिक अपने टीआईजीपी के माध्यम से कंटेस्टेंट को उनके कला के अनुसार मौका दे रहे हैं।