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चुनाव प्रभावित करने की आशंका
बताया जाता है कि डीपी यादव के गाजियाबाद में होने की सूचनामिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। दरअसल, गाजियाबाद के राजनगर के रहने वाले डीपी यादव की एक वक्त में वेस्ट यूपी में तूती बोलती थी। इसी आशंका के मद्दे नजर पुलिस खौफ में आ गई कि गाजियाबाद में रहकर इलाज के बहाने वह आपराधिक गतिविधियां संचालित कर सकते हैं। जैसे ही पुलिस को इस सूचना की पुष्टि हुई तो इसके बाद एसएसपी ने सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा। एसएसपी ने अपने पत्र में आशंका जताई कि आगामी चुनाव को वह प्रभावित कर शांति-व्यवस्था में खलल डाल सकता है। इस पर संज्ञान लेकर उसे तुरंत जेल भिजवाने के आदेश दिए गए।
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एम्स से गाजियाबाद करवा था रेफर
गौरतलब है कि डीपी यादव को लेकर देहरादून जेल प्रशासन 14 मार्च को दिल्ली एम्स पहुंचा था। इस दौरान डीपी यादव ने दलील दी कि उसकी अक्टूबर-2018 में गाजियाबाद के एक निजी अस्पताल में सर्जरी हुई थी। इससे पहले भी इसी अस्पताल में इलाज की दुहाई देकर यादव ने एम्स से खुद को रेफर करा लिया और 14 मार्च की दोपहर दो बजे नेहरूनगर स्थित अस्पताल पहुंच गए। बताया जाता है कि वह सर्जरी के बाद हो रही दिक्कतों के सिलसिले में यहां आये थे। लेकिन पुलिस ने 15 मार्च की दोपहर उसे अस्पताल से छुट्टी दिलवाकर वापस जेल भिजवा दिया।