पुलिस ने गोली मारकर 7 अभियुक्त किए थे गिरफ्तार बता दें कि छठ महापर्व के दिन लोनी बॉर्डर थाना पुलिस ने पशु तस्करों से मुठभेड़ के बाद सात अभियुक्तों को गोली लगने के बाद गिरफ्तार किए जाने का दावा किया था। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की तरफ से पुलिस पार्टी पर फायरिंग की गई थी और अपना बचाव करते हुए पुलिस की तरफ से भी फायरिंग की गई, जिसमें सातों अभियुक्तों को गोली लगी।
एसएचओ ने लिखाई थी तस्करा लेकिन बड़ी बात यह है कि सभी सातों अभियुक्तों को एक ही जगह पैर में गोली लगी और इन अभियुक्तों में एक नाबालिग भी शामिल था। मुठभेड़ के बाद जहां पुलिस एक तरफ सात अभियुक्त गिरफ्तार किए जाने का दावा कर रही थी। वहीं इस मुठभेड़ पर तमाम तरह के सवाल खड़े हो गए। अचानक तत्कालीन एसएचओ राजेंद्र त्यागी का ट्रांसफर दूसरी जगह कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। इतना ही नहीं उन्होंने थाने में तस्करा भी लिखा दिया कि उन्हें नौकरी की जरूरत नहीं है क्योंकि इतना बड़ा गुड वर्क करने के बाद भी उन्हें सजा के तौर पर दूसरी जगह भेजा जा रहा है।
जीडी लिक होने पर हुए थे निलंबित उसके बाद पुलिस के गोपनीय दस्तावेज जीडी लीक हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई। जिसके बाद पुलिस की गोपनीय सूचना सोशल मीडिया पर वायरल करने के दोषी मानते हुए एसएसपी ने राजेंद्र त्यागी को निलंबित कर दिया था।
मुठभेड़ पर खड़े हो रहे कई सवाल तमाम तरह के सवालों के बीच इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने 14 दिन बाद पुलिस लाइन में आमद करा दी। अब क्षेत्राधिकारी रजनीश उपाध्याय ने जो रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी है उसमें तमाम ऐसे बिंदु है जिनके आधार पर पुलिस और पशु तस्करों के बीच हुई मुठभेड़ पर सवाल खड़े हो गए हैं।
इंस्पेक्टर पर हो सकती है कार्रवाई जब इस मुठभेड़ पर तमाम तरह के सवाल खड़े हुए तो एसएसपी पवन कुमार ने सातों अभियुक्तों में से नाबालिग को बाल सुधार गृह भिजवाया। इस पूरे मामले पर क्षेत्राधिकारी को जांच करने के आदेश दिए थे। क्षेत्राधिकारी ने तमाम बिंदुओं पर गहन जांच के बाद एसएसपी को रिपोर्ट अब सौंप दी है। बताया जा रहा है कि एसएसपी पूरी जांच रिपोर्ट का अवलोकन कर रहे हैं। अवलोकन के बाद इंस्पेक्टर राजीव त्यागी पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।