वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार तौरेंगा परिक्षेत्र व तहसील मुख्यालय मैनपुर से 22 किमी दूर नेशनल हाईवे 130 सी देवभोग मार्ग पर ग्राम कोदोमाली में रविवार रात 32 से 34 हाथियों का दल घुस गया। ग्रामीण अपनी जान बचाने घरों के दरवाजे (cg news) बंद कर हाथियों के जाने का इंतजार करते रहे। हाथियों का दल लगभग 2 घंटे तक नेशनल हाईवे के किनारे मंडराते रहे। जिसकी जानकारी लगते ही वन विभाग की टीम गज वाहन के साथ पहुंची।
मुख्य मार्ग नेशनल हाईवे के दोनों ओर वाहनों को रोके रखा। हाथियों का दल देर रात लगभग 12 से 2 बजे के बीच कोदोमाली से तौरेंगा पहुंचा। यहां आधा दर्जन ग्रामीणों के मकान व पशुशेड को तोड़ते हुए फसलों को नुकसान पहुंचाया है।
लोगों को जान-माल की सताने लगी चिंता ग्रामीणों ने बताया कि तौरेंगा़ ग्राम के नजदीक हाथियों के इस प्रकार आ धमकने से हम सभी परेशान हैं। जान-माल की चिंता सताने लगी है हाथी कभी भी गांव में घुस जाता है और हमारे मकानो को क्षतिग्रस्त करते हुए फसलो को नुकसान पहुंचा (Terror Of Elephants) रहा है जिससे हम चिंतित है। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हाथियों का दल अभी भी नदी किनारे ठहरा हुआ है और इनके चिंघाड से आसपास ग्राम के ग्रामीण डरे-सहमे हुए हैं।
ग्रामीण अपने दैनिक उपयोग के सामग्री के लिए घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। वहीं, लगातार वन प्रशासन द्वारा कोटवार के माध्यम से मुनादी करवाकर ग्रामीणों को जंगल की तरफ नहीं जाने व हाथियों के साथ छेडछाड़ न करने, भीड़ न लगाने की समझाइश दे रहे हैं।
जंगल में नहीं जाने की अपील ग्राम तौरेंगा के ग्रामीण तुलाराम पिता धनीराम व कई किसानों के मकानों को हाथियों ने तोड़ा दिया और फसलों को नुकसान पहुंचाया है। वहीं, सोमवार को भी हाथियों के दल से अलग 2 हाथी तौरेंगा के समीप जंगल मे अटखेलियां करते ग्रामीणों द्वारा देखा गया। लगभग आधा घंटे तक हाथी तौरेंगा ग्राम के आसपास मंडराते रहे और कक्ष क्रमांक 1096, 1097 जंगल के तरफ चले गए। वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा बी.के. सोरी के नेतृत्व में वन विभाग के कर्मचारी और गज वाहन लगतार हाथी प्रभावित ग्रामों में पहुंचकर लोगों को सुरक्षा की दृष्टिकोण से जंगल की तरफ नहीं जाने की अपील कर रहे हैं।
हाथियों का दल तौरेंगा जंगल, नदी होते हुए सातधर देवदाहरा की ओर आगे बढ़ रहे है। लगातार हाथी पहुंच वाले इलाकों में मुनादी करवाकर लोगों से सतर्कता बरतने कहा जा रहा है। वन विभाग के कर्मचारी हाथियों की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं।
बी. के. सौरी, वन परिक्षेत्र अधिकारी तौरेंगा