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गरियाबंद

Rakshabandhan 2024: महिलाओं ने धान और चावल से बनाई 50 हजार राखियां, गांव-गांव में हो रहीं बिक्री…

Rakshabandhan 2024: राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी महिलाओं ने रक्षाबंधन पर रेशम की डोर और अनाज से 50 हजार आकर्षक राखियां तैयार की हैं। रंग-बिरंगी तैयार की गई राखियां ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है।

गरियाबंदAug 18, 2024 / 07:26 pm

चंदू निर्मलकर

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Rakshabandhan 2024: जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान से जुड़ी महिलाओं ने रक्षाबंधन पर रेशम की डोर और अनाज से 50 हजार आकर्षक राखियां तैयार की हैं। रंग-बिरंगी तैयार की गई राखियां ग्रामीण स्तर पर उपलब्ध कराई जा रही है। बड़े ही लगन और तल्लीनता से भाइयों के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के बिहान से जुड़ी बहनें राखी बना रही हैं।
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आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही

इन बहनों ने इस बार चायनिज राखी नहीं बल्कि स्वदेशी राखी भाइयों के कलाई में सजने बना रहे हैं। राखी बनाने किसी प्रकार के बाहरी वस्तु नहीं बल्कि स्थानीय स्तर पर आसानी से मिलने वाले अनाज का इस्तेमाल कर रही हैं। थोड़ी से ट्रेनिंग के बाद बहनें चावल, दाल, गेंहू, धान, ऊंन, खीरे का बीज, बांस, कलावा और रेशम का डोर का उपयोग कर आकर्षक राखियां बना रही हैं। बिहान के अफसर इसके लिए बहनों को आर्थिक सहायता भी मुहैया कराया हुआ है।

10 से ज्यादा महिलाएं जुड़ी समूह में

गरियाबंद जिले के कुरूद,चरौदा, रक्सा, गुरुजीभाठा, तर्रा, मदनपुर,जोबा, धवलपुर, कोचबाय जैसे गांव में 10 से ज्यादा महिला समूह इस काम में जुड़ी है। स्वदेशी अपनाने के साथ साथ बिहान की इस पहल से महिलाओ को आमदनी भी होगी। इसकी बिक्री के लिए ग्राम संगठन और संकुल स्तर पर स्कूलों में बेचा जा रहा है। साथ ही गांव-गांव में स्टॉल लगाकर भी इसकी बिक्री महिला समूह कर रही हैं।

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