गरियाबंद

फ़िल्मी है हाथियों के बिछड़ने और मिलने की कहानी, बच्चे को लेने 70 किलोमीटर वापस आया झुंड

विभाग ने रायपुर से डाक्टर बुलाकर उसका इलाज करवाया। यही नहीं उसकी देखभाल के लिए अंबिकापुर से महावत भी बुलाया गया। वन विभाग झुंड से बिछड़ जाने से भी परेशान था। उन्हें हाथी के बच्चे को झुंड से मिलवाने का कोई उपाय नहीं समझ आ रहा था।

गरियाबंदDec 01, 2019 / 07:04 pm

Karunakant Chaubey

गरियाबंद. आपने फिल्मो में या कहानियों में जानवरों के बच्चों के मिलने और बिछड़ने के बारे में पढ़ा-देखा होगा जिसमें कोई जानवर अपने बच्चे के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहता है। ऐसा ही एक मामला जिले के उदंती अभयारण्य में भी सामने आया है।

पिता का सपना सच करने के लिए बेटी ने थामा बल्ला, दो साल में स्टेट अंडर 17 टीम में बनाई जगह

जानकारी के अनुसार, लगभग 12 दिन पहले हाथियों का एक झुंड उदंती अभयारण्य में डेरा डाले हुए था। कुछ दिन बाद उनका झुंड ओडिसा की ओर चला गया। इस दौरान एक नन्हा हाथी झुंड से बिछड़ गया। जब वन बिभाग की नजर उसपर पड़ी तो उन्होंने पाया कि उसके गले पर घाव लगा हुआ है।

जरूरतमंद को मिलने से पहले ही बीमार हो गयी दवाएं, जानिये क्या है पूरा मामला

विभाग ने रायपुर से डाक्टर बुलाकर उसका इलाज करवाया। यही नहीं उसकी देखभाल के लिए अंबिकापुर से महावत भी बुलाया गया। वन विभाग झुंड से बिछड़ जाने से भी परेशान था। उन्हें हाथी के बच्चे को झुंड से मिलवाने का कोई उपाय नहीं समझ आ रहा था।

अचानक बजने लगा सायरन तो पुलिस वालों ने ATM की कर दी घेराबंदी, चेक किया तो नहीं रोक पाए अपनी हंसी

12 दिन बाद अचानक वन विभाग को एक दिन हाथियों का एक झुंड दिखाई दिया। ये कोई और नहीं नन्हे हाथी से बिछड़ा हुआ झुंड था। झुंड से खुद ही वन विभाग के बाड़े से बच्चे को बाहर निकाला और वापस अपने साथ लेकर चले गए।

Hindi News / Gariaband / फ़िल्मी है हाथियों के बिछड़ने और मिलने की कहानी, बच्चे को लेने 70 किलोमीटर वापस आया झुंड

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.