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गरियाबंद

CG News: अज्ञात वाहन की चपेट में आकर तेंदुए की मौत, वन विभाग पर उठे कई गंभीर सवाल…

CG News: वन विभाग के मुताबिक, अधिकांश घटनाएं रात के समय होती हैं, जब जंगलों से बाहर निकलने वाले जानवर अचानक रोड पर आ जाते हैं और तेज रतार वाहनों को चपेट में आ जाते हैं।

गरियाबंदJan 11, 2025 / 11:07 am

Laxmi Vishwakarma

CG News
CG News: गरियाबंद जिले के छुरा वन परिक्षेत्र में एक और तेंदुए की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई। यह घटना वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाती है, क्योंकि यह घटना लगातार बढ़ रहे वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर चिंता का कारण बन रही है। बीती रात ग्राम चरौदा के पास तेज रफ्तार वाहन ने ढाई वर्षीय तेंदुए को टक्कर मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

CG News: वन्यजीवों के लिए बढ़ते खतरे को किया उजागर

छुरा वन परिक्षेत्र अधिकारी धीरेन्द्र साहू के मुताबिक, यह हादसा रात करीब 9 बजे की है। वन विभाग को सूचना मिलने के बाद डीएफओ लक्ष्मण सिंह ने वन अमला और पशुचिकित्सक टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया। तेंदुए का पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया। वन विभाग ने इस मामले में अज्ञात वाहन के खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस घटना ने वन्यजीवों के लिए बढ़ते खतरे को उजागर किया है। वन विभाग के अधिकारी इस बात से चिंतित हैं कि जंगलों में बढ़ता अतिक्रमण और इंसानी गतिविधियों की वजह से जंगली जानवर अपने परंपरागत निवास स्थान छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं और अब गांवों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे वे सड़क हादसे का शिकार भी हो रहे हैं।

तेंदुए की मौतों की बढ़ती संख्या

गरियाबंद जिले में पिछले कुछ वर्षों में सड़क हादसों में तेंदुए की मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। कुछ अन्य घटनाओं का उल्लेख करें तो 2024 में भी छुरा वन क्षेत्र में एक और तेंदुआ सड़क हादसे का शिकार हुआ था, जबकि 2022 में एक और तेंदुए की मौत इसी तरह के हादसे में हुई थी। इन घटनाओं में यह देखा गया कि तेज रफ्तार वाहन वन्यजीवों के लिए लगातार खतरे की वजह बन रहे हैं।
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यह आंकड़े इस बात को साफ दर्शाते हैं कि सड़क हादसों में वन्यजीवों की मौत एक नियमित समस्या बन चुकी है। वन विभाग के मुताबिक, अधिकांश घटनाएं रात के समय होती हैं, जब जंगलों से बाहर निकलने वाले जानवर अचानक रोड पर आ जाते हैं और तेज रतार वाहनों को चपेट में आ जाते हैं।

वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

वन विभाग की कार्यप्रणाली पर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। विभाग पर आरोप लग रहे हैं कि वह अतिक्रमणकारियों और अवैध कब्जों को रोकने में विभाग नाकाम रहा है। जंगल की भूमि पर अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं और जंगल के आसपास व्यावसायिक गतिविधियों जैसे पोल्ट्री फार्म का संचालन किया जा रहा है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, छुरा वन परिक्षेत्र में कई बीटों पर पहाड़ों तक अतिक्रमण हो चुका है। इसके कारण वन्यजीवों को अपनी पारंपरिक निवास भूमि छोड़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। कई स्थानों पर इन अतिक्रमणों के खिलाफ वन विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जिसके कारण जंगल के भीतर रहने वाले जानवरों को भारी नुकसान हो रहा है।

अतिक्रमण पर अंकुश की जरूरत

CG News: वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अधिकारियों को कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। अवैध कब्जों और पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए विभाग को और सख्त कार्रवाई करनी होगी। इसके साथ ही वन्यजीवों को सड़क हादसों से बचाने के लिए उचित सड़क सुरक्षा उपायों की भी आवश्यकता है, जैसे जंगल क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर लगाना, साइन बोर्ड लगाना और नियमित निगरानी रखना।

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