ब्लॉक मुख्यालय से 62 किमी दूर चलनापदर गांव में चेक डैम पहली बारिश में ढह गया। 13 लाख के इस डैम का निर्माण मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी) के तहत हुआ है। गांव के लोग अब निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। ठेकेदार पर कार्रवाई करने भी कहा है।
बताते हैं कि चेक डैम का कुछ काम अभी बाकी है। इलाके में लगातार हो रही बारिश के बीच गुरुवार को डैम का एक हिस्सा ढह गया। खबर लगते ही मनरेगा कार्यक्रम अधिकारी रमेश कंवर मौके पर पहुंचे। चेक डैम का निरीक्षण किया। बताते हैं कि उन्होंने संबंधित ठेकेदार को नोटिस भी जारी कर दिया है। ग्रामीणों ने मामले की निष्पक्ष जांच कर संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
मिली जानकारी के अनुसार डैम की मंजूरी मिलने के बाद 2 महीने पहले ही यहां काम शुरू हुआ है। गांववालों की मानें तो चेक डैम के लिए जब जगह का चयन किया गया था, तभी उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई थी। एसडीओ और सब इंजीनियर ने उनकी बातों को दरकिनार करते हुए मनमाने ढंग से निर्माण की अनुमति दी। नतीजतन पहली बारिश में डैम ढह गया।
चेक डैम समय पर नहीं बन पाया। यह अब भी निर्माणाधीन है। काम का मूल्यांकन नहीं हुआ था। लगातार हो रही बारिश से नाले में तेज बहाव आया। इस वजह से डैम का एक हिस्सा ढह गया। आगे काम हो सकता है या नहीं! ये तो पानी खाली होने के बाद ही बता पाएंगे। फिलहाल संबंधित निर्माण एजेंसी को नोटिस जारी कर रहे हैं। काम बारिश से पहले पूरा हो जाना था। मजदूरों की कमी के चलते निर्माण देर से शुरू हुआ। नाले में तेज बहाव आने से डैम का एक हिस्सा प्रभावित हुआ है।