ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने यह कदम घरेलू स्मार्टफोन कंपनियां जैसे Micromax और LAVA को आगे बढ़ाना है। सरकार का मानना है कि मोबाइल जगत में भारतीय कंपनियों को काफी नुकसान हुआ है । मार्केट रिसर्च फर्म काउंटरप्वाइंट के अनुसार 150 डॉलर (12000 रुपये) से कम कीमत वाले स्मार्टफोन में चीनी कंपनियों की करीब 80% सेल देखी गई है। भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों का कब्जा है। इस फैसले के बाद इन सभी कंपनियों को भारी नुकसान होगा।
मार्केट ट्रैकर काउंटरप्वाइंट के अनुसार, 2022 की दूसरी तिमाही में जितने स्मार्टफोन भारत में बिके हैं उनमें से एक तिहाई फोन 12000 रुपये तक की कीमत वाले थे जिसमें चीनी कंपनियों की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत रही। इस तरह की खबरों के जोर पकड़ने के बाद चीन के शेयर मार्केट में भी इसका असर देखने को मिला है। हांगकांग में कारोबार के आखिरी समय के दौरान शेयरों में गिरावट भी देखने को मिली है। बताया गया है कि कंपनी के शेयरों में 3.6 प्रतिशत की गिरावट सामने आई है। अगर मोटे तौर पर देखा जाए, तो Xiaomi के शेयरों में 35 प्रतिशत से भी ज्यादा की गिरावट देखी गई है।
सरकार के इस फैसले का फायदा Samsung को भी होगा। सैमसंग मिडरेंज और एंट्री लेवल में अपने स्मार्टफोन लगातार पेश कर सकती है। बता दें कि वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी कंपनियां पहले से ही इनकम टैक्स विभाग के निशाने पर हैं। इन कंपनियों पर टैक्स चोरी का भी आरोप लग चुका है। हाल ही में इन कंपनियों के ईडी के छापे भी पड़े हैं।