रेपो और रिवर्स रेपो में हो सकती है कटौती
जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस के कहर से देश की इकोनॉमी को बचाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की 4 जुलाई को एमपीसी की बैठक होने वाली है। 6 जुलाई तक चलने वाली इस मीटिंग में रेपो रेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। जानकारी के अनुसार एमपीसी नीतिगत दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है। इससे पहले मार्च और मई के महीने में एमपीसी की बैठक हुई थी। जिसमें कुल 1.15 फीसदी की रेपो दरों में कटौती हो चुकी है। वहीं दूसरी ओर रिवर्स रेपो में 0.35 फीसदी की कटौती देखने को मिल सकती है।
रिटेल इंफ्लेशन में भी राहत
मीडिया रिपोर्ट में यूबीआई के एमडी एवं सीईओ के अनुसार इस बार आरबीआई रेपो दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है या फिर बिना किसी बदलाव के ब्याज दरों को पहले वाले जारी रख सकता है। वहीं उन्होंने खुदरा महंगाई के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि भले ही आरबीआई के 2 से 6 फीसदी महंगाई के टारगेट को पार गई हो, लेकिन अगस्त के महीने में इसमें थोड़ी राहत देखने को मिल सकती है।
लोन रिस्ट्रक्चरिंक पर ध्यान देना जरूरी
एसोचैम की माने तो इस बार आरबीआई को लोन रिस्ट्रक्चरिंक पर ध्यान देना जरूरी काफी जरूरी है। क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से उद्योगों को भारी भरकम कर्ज की अदायगी को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में लोन एनपीए में ना चले जाएं इसके लिए आरबीआई को विचार करना काफी जरूरत है। इसके लिए अभी से लोन रिस्ट्रक्चरिंग पर ध्यान देना काफी जरूरी है। वहीं जानकारों की मानें तो मौजूदा समय में बैंकों के पास तरलता की कमी नहीं है। ऐसे में दरों में कटौती करने का कोई मतलब नहीं है। इससे मकसद पूरा नहीं होगा।
लोन मोराटोरियम में भी मिल सकती है राहत
वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों का यह भी मानना है कि इस बार आरबीआई आम लोगों से लेकर और कुछ ज्यादा प्रभावित सेक्टर्स को लोन मोराटोरियम की सुविधा को आगे बढ़ा सकती है। आरबीआई द्वारा इस सुविधा को 31 दिसंबर तक आगे बढ़ाने की योजना पर काम कर रही है। आपको बता कि 31 अगस्त में लोन मोराटोरियम की सीमा समाप्त हो रही है। वहीं देश के कई लोगों को अभी तक पूरी सैलरी नहीं मिली है। ऐसे में अगस्त के बाद भी लोगों के पास लोन की ईएमआई चुकाने की समस्या बनी रहेगी।