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RBI 2019-20 Annual Report: वित्त वर्ष 2019-20 में नहीं छापा गया 2000 रुपए का नोट

बीते दो वित्त वर्ष में 2000 रुपए के नोटों की संख्या में एक फीसदी की गिरावट
2019-20 में 13.1 फीसदी कम थे एक साल पहले की तुलना में नोटों के ऑर्डर

Aug 25, 2020 / 05:26 pm

Saurabh Sharma

RBI 2019-20 Annual Report: 2000 rupee note not printed in FY 2019-20RBI 2019-20 Annual Report: 2000 rupee note not printed in FY 2019-20

RBI 2019-20 Annual Report: 2000 rupee note not printed in FY 2019-20

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ( reserve bank of india ) ने RBI 2019-20 Annual Report में जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2019-20 में 2000 रुपए के नोटों की छपाई नहीं हुई ( 2000 Notes Were Not Printed in 2019-20 ) है। साथ ही कहा गया है कि वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के वित्त वर्ष को मिलाकर 2000 रुपए के नोटों के चलन में एक फीसदी की कमी देखने को मिली है। आरबीआई द्वारा दी जानकारी के अनुसार बीते वित्त वर्ष में नोटों के ऑर्डर में 13 फीसदी की गिरावट देखने को मिला है, जो इस बात का संकेत है कि आम लोगों में कैश से ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन की ओर रुझान बढ़ा है और 2000 रुपए के नोट के प्रति मोह भंग हुआ है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर रिजर्व बैंक की एनुअल रिपोर्ट में किस तरह की जानकारी दी गई है।

2000 रुपए के नोट के प्रति मोह हुआ भंग
– भारतीय रिजर्व बैंक ने 2019-20 में 2,000 रुपए के नए नोटों की छपाई नहीं की।
– मार्च, 2018 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या 33,632 लाख थी।
– मार्च, 2019 के अंत तक यह कम होकर 32,910 लाख पर आ गई।
– मार्च, 2020 के अंत तक चलन में मौजूद 2,000 के नोटों की संख्या कम होकर 27,398 लाख पर आ गई।
– प्रचलन में कुल मुद्राओं में 2,000 के नोट का हिस्सा मार्च, 2020 के अंत तक घटकर 2.4 फीसदी रह गया।
– मार्च, 2019 के अंत तक तीन फीसदी पर था।
– मार्च, 2018 के अंत तक 3.3 फीसदी पर था।
– मूल्य के हिसाब से भी 2,000 के नोटों की हिस्सेदारी घटी है।
– मार्च, 2020 तक चलन में मौजूद कुल नोटों के मूल्य में 2,000 के नोट का हिस्सा घटकर 22.6 फीसदी पर आ गया।
– मार्च, 2019 के अंत तक यह 31.2 फीसदी पर था और मार्च, 2018 के अंत तक 37.3 प्रतिशत था।

500 और 200 रुपए के नोटों में तेजी
– 2018 से तीन साल के दौरान 500 और 200 रुपए के नोटों के प्रसार में तेजी देखने को मिली।
– मूल्य और मात्रा दोनों के हिसाब से 500 और 200 रुपए के नोट का प्रसार बढ़ा है।
– 2019-20 में 2,000 के करेंसी नोट की छपाई के लिए कोई ऑर्डर नहीं दिया गया।
– भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण बीआरबीएनएमपीएल तथा एसपीएमसीआईएल ने 2,000 के नोट की नई आपूर्ति नहीं की।
– 2019-20 में बैंक नोटों के लिए ऑर्डर एक साल पहले की तुलना में 13.1 फीसदी कम थे।
– 2019-20 में बैंक नोटों की आपूर्ति भी इससे पिछले साल की तुलना में 23.3 फीसदी कम देखने को मिली।
– रिजर्व बैंक ने कहा कि 2019-20 में 500 के 1,463 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया।
– जबकि आपूर्ति 1,200 करोड़ नोटों की हुई।
– 2018-19 में 1,169 करोड़ नोटों की छपाई के ऑर्डर पर 1,147 करोड़ नोटों की आपूर्ति की गई।
– 2019-20 में बीआरबीएनएमपीएल तथा एसपीएमसीआईएल को 100 के 330 करोड़ नोटों की छपाई का ऑर्डर दिया गया।
– 50 के 240 करोड़ नोटों, 200 के 205 करोड़ नोटों, 10 के 147 करोड़ नोटों और 20 के 125 करोड़ नोटों ऑर्डर दिया गया।

कितने पकड़ी गई फेक करेंसी
– रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में बैंकिंग क्षेत्र में पकड़े गए जाली नोटों में से 4.6 प्रतिशत रिजर्व बैंक के स्तर पर पकड़े गए।
– 95.4 प्रतिशत जाली नोटों का पता अन्य बैंकों के स्तर पर चला।
– इस दौरान कुल मिलाकर 2,96,695 जाली नोट पकड़े गए।
– पिछले वित्त वर्ष से तुलना के मुकाबले 10 के जाली नोटों में 144.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।
– 50 के जाली नोटों में 28.7 फीसदी का इजाफा हुआ।
– 200 के जाली नोटों में 151.2 फीसदी वृद्घि हुई।
– 500 के जाली नोटों में 37.5 फीसदी का इजाफा हुआ।
– वहीं 20 के जाली नोटो में 37.7 फीसदी बढ़त देखने को मिली।
– 100 के जाली नोटो में 23.7 फीसदी इजाफा हुआ।
– 2,000 के जाली नोटों में 22.1 फीसदी की कमी आई।
– बीते वित्त वर्ष में 2,000 के 17,020 जाली नोट पकड़े गए।
– 2018-19 में 2000 रुपए के नकली नोटों का आंकड़ा 21,847 का रहा था।

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