नवंबर डेरिवेटिव सीरीज में शॉर्ट कवरिंग का दबदबा (Share Market Today)
22 नवंबर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में निफ्टी और बैंक निफ्टी के डेरिवेटिव बाजार में शॉर्ट पोजीशन को कवर करने की होड़ नजर आई। यह हलचल चुनाव के नतीजों से पहले की बढ़ती अनिश्चितता को दर्शाती है। नवंबर सीरीज में इस बार सबसे ज्यादा अनवाइंडिंग हुई है। विशेष रूप से, निफ्टी में 12.23 लाख शेयरों की अनवाइंडिंग दर्ज की गई, जिसने शॉर्ट कवरिंग को तेज कर दिया। इसका नतीजा यह रहा कि निफ्टी इंडेक्स में मजबूती आई और निवेशकों का विश्वास बढ़ा। इस ट्रेंड ने यह संकेत दिया है कि शेयर बाजार (Share Market Today) की धारणा फिलहाल सकारात्मक है, लेकिन आगे बढ़ने के लिए ठोस परिणाम और स्पष्टता की आवश्यकता होगी।FIIs की बढ़ी हुई सक्रियता
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने चुनावी नतीजों के मद्देनजर अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए डेरिवेटिव बाजार में लॉन्ग पोजीशन बढ़ाई है। यह कदम इस बात का संकेत है कि FIIs आने वाले समय में बाजार में तेजी की संभावना देख रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि FIIs की बढ़ी हुई सक्रियता बाजार में स्थिरता लाने में मदद कर सकती है। हालांकि, यह स्थिति काफी हद तक चुनाव परिणामों और वैश्विक आर्थिक स्थितियों पर निर्भर करेगी।निफ्टी और बैंक निफ्टी का स्तर
निफ्टी के लिए 24,000 का स्तर एक बड़ा रेजिस्टेंस है। अगर यह स्तर तोड़ा जाता है, तो बाजार में और तेजी देखने को मिल सकती है। दूसरी ओर, 23,500 का स्तर एक मजबूत सपोर्ट बना हुआ है। बैंक निफ्टी की बात करें तो, यह इंडेक्स भी तेजी की ओर अग्रसर है। बैंकिंग सेक्टर में सकारात्मक निवेश प्रवाह के चलते बैंक निफ्टी में मजबूत प्रदर्शन की संभावना जताई जा रही है।चुनावी नतीजों का बाजार पर असर
महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव नतीजे बाजार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। अगर नतीजे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप आते हैं, तो निफ्टी और बैंक निफ्टी में तेजी का सिलसिला जारी रह सकता है। हालांकि, अगर परिणाम विपरीत आते हैं, तो बाजार (Share Market Today) में अस्थिरता बढ़ सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि राजनीतिक स्थिरता बाजार (Share Market Today) के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। महाराष्ट्र और झारखंड जैसे बड़े राज्यों के चुनावी नतीजे निवेशकों की दीर्घकालिक रणनीति को प्रभावित कर सकते हैं।निवेशकों के लिए सलाह
सतर्कता बरतें: चुनावी नतीजों के कारण बाजार में अस्थिरता की संभावना है। ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में सतर्कता बरतनी चाहिए।लॉन्ग-टर्म निवेश पर ध्यान दें: छोटे समय के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हुए दीर्घकालिक निवेश पर फोकस करना लाभदायक हो सकता है।
मूल्य स्तर पर नजर रखें: निफ्टी के 23,500 और 24,000 के स्तरों को ध्यान में रखते हुए अपनी ट्रेडिंग रणनीति बनाएं।