NPS के सब्सक्राइबर्स को परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) दिया जाता है, जो यूनिक होता है। उनके पास एक समय पर एक एक्टिव PRAN हो सकता है। इसी के जरिए वे अपने मौजूदा NPS अकाउंट को बंद करने के बाद नया अकाउंट खोल सकते हैं।
18 से 65 साल तक का कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। नेशनल पेंशन सिस्टम में जमा रकम को निवेश करने का जिम्मा PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया जाता है। ये आपके निवेश को इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज के अलावा फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं। इस स्कीम में शामिल होने के लिए केवाईसी नियमों का पालन करना जरूरी है। NPS में दो तरह के अकाउंट होते हैं Tier-I और Tier-II। पहले अकाउंट एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, जिसे हर सरकारी कर्मचारी के लिए खुलवाना अनिवार्य है। वहीं Tier-II एक वॉलेंटरी अकाउंट होता है, जिसमें कोई भी वेतनभोगी अपनी तरफ से इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकता है और कभी भी पैसे निकाल सकता है।
एनपीएस में अगर आप 25 साल की उम्र से जुड़ते हैं तो 60 वर्ष की आयु तक आपको हर महीने 5000 रुपए जमा करने होंगे। इस तरह से कुल निवेश 21 लाख रुपए होगा। अनुमानित रिटर्न 8 फीसदी मान लें तो कुल रकम 1.15 करोड़ रुपए होंगे। इसमें से 80 फीसदी रकम से एन्युटी खरीदते हैं तो वह वैल्यू करीब 93 लाख रुपए होगी। एन्युटी रेट 8 फीसदी हो तो 60 की उम्र के बाद हर महीने व्यक्ति को 61 हजार रुपए तक पेंशन मिल सकती है। इसके अलावा 23 लाख रुपए का उनका फंड भी होगा।