scriptबुध प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण पक्ष) : हो जाएगी हर इच्छा पूरी, ऐसे करें गणेश व शिव पूजा | Shiv Ganesh Puja for Pradosh Vrat Wednesday 22 January 2020 | Patrika News
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बुध प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण पक्ष) : हो जाएगी हर इच्छा पूरी, ऐसे करें गणेश व शिव पूजा

बुध प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण पक्ष) : हो जाएगी हर इच्छा पूरी, ऐसे करें गणेश व शिव पूजा

Jan 21, 2020 / 10:02 am

Shyam

बुध प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण पक्ष) होगी हर इच्छा पूरी ऐसे करें गणेश व शिव पूजा

बुध प्रदोष व्रत (माघ कृष्ण पक्ष) होगी हर इच्छा पूरी ऐसे करें गणेश व शिव पूजा

Pradosh Vrat : बुधवार 22 जनवरी 2020 दिन बुधवार को बुधवारी प्रदोष का शुभ संयोग बना है इस दिन व्रत रखकर भगवान शंकर एव श्री गणेश जी की सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में पूजा आराधना करने से वे प्रसन्न हो जाते हैं। कृष्ण पक्ष के बुधवारी प्रदोष वाले दिन जो भी गणेश जी और शंकर जी का विशेष पूजन कर अभिषेक करता है उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है।

 

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22 जनवरी दिन बुधवार को माघमास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन शंकर जी की पूजा आराधना करने से वे शीघ्र प्रसन्न होकर व्रती के जीवन की गंभीर से गंभीर समस्याओं को दूर कर देते हैं। शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अन्य व्रतों में पहला स्थान प्राप्त है।

 

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अगर किसी व्यक्ति के जीवन में परेशानियों के कारण किसी भी तरह की तरक्की नहीं हो पा रही हो तो बुधवारी प्रदोष के दिन उपवास रखकर सुबह के समय श्री गणेश जी की एवं प्रदोष काल सूर्यास्त के समय भगवान शिवजी की विशेष पूजा अर्चना करने बाद मीठे जल से शिवलिंग अभिषेक करने से परेशानियों का अंत होने लगता है और अनेक कामनाओं की पूर्ति भी होने लगती है। प्रदोष का व्रत करने के साथ भगवान शिवजी की विशेष पूजा करेगा उसके इस जन्म ही नहीं बल्कि अन्य जन्म- जन्मान्तर के पाप कर्म भी नष्ट हो जाते हैं औऱ उत्तम लोक की प्राप्ति के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है।

 

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प्रदोष व्रत रखने के साथ करे यह उपाय-

1- जीवन के सभी पापों के नाश के लिए 17 अप्रैल बुधवारी प्रदोष व्रत अवश्य करें।
2- इस दिन सूर्यास्त के समय किसी शिवमंदिर में जाकर 251 बार महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
3- गंगाजल से शिवजी का अभिषेक करें।
4- 108 बिना खंडित बेलपत्र अर्पित करें।
5- उक्त पूजा करने के बाद ऋतुफल का भोग शिवजी को लगायें, एक श्रीफल भेट करने के बाद दण्वत प्रणाम करते हुए सभी पाप कर्मों की मुक्ति की प्रार्थना भी करें।
6- पूजन के बाद मंदिर से बाहर निकले पर कोई दरिद्र मिल जाये तो उन्हें कुछ न कुछ दान अवश्य करें। इससे आपकी मनोकामनाएं भी पूरी जाती है।
7- शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से जाने अंजाने में हुये सभी तरह के पुराने से पुराने पाप कर्मों के फल से मुक्ति मिल जाती है।

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