इस होली में महिलाएं फाड़ती हैं पुरुषों के कपड़े, फिर भी आते हैं हजारों लोग
राजस्थान में पुष्कर के वराह घाट चौक पर हर साल होने वाले इस आयोजन में होली की उमंग से सराबोर महिलाएं टूरिस्टों के कपड़ें फाड़ देती हैं
भारत में जहां हर पचास कोस पर बोली बदल जाती है वहीं त्यौहार मनाने के तौर-तरीके भी बदल जाते हैं। होली भी इसका अपवाद नहीं है। पुष्कर के फाग महोत्सव में होली मनाने का भी एक ऐसा ही अनोखा तरीका है जिससे जानने के बाद आप अपने आप को वहां होली खेलने से खुद को रोक नहीं पाएंगे।
फटे कपड़े से खेलते हैं होली
यहां के वराह घाट चौक पर हर साल होने वाले इस आयोजन में होली की उमंग से सराबोर महिलाएं टूरिस्टों के कपड़ें फाड़ देती हैं। जमीन से काफी ऊपर एक रस्सी बंधी होती हैं। फटे हुए कपड़े इस रस्सी पर फेंके जाते हैं। यदि कपड़ा रस्सी पर लटक गया तो सभी ताली बजाते हैं और यदि कपड़ा लटकने के बजाय नीचे गिर जाता है तो सभी हाय-हाय करते हैं।
महिलाओं का रखा जाता है विशेष ध्यान
होली पर महिलाओं के साथ कोई छेड़खानी न हों इसका विशेष ध्यान रखा जाता है। वहां पर भारी मात्रा में पुलिस भी मौजूद रहती है। महिलाओं के कपड़ों को हाथ लगाने की स्पष्ट मनाही होती है। कपड़ा फाड़ होली केवल पुरुषों के साथ ही खेली जाती है। आयोजन सुबह जल्दी ही शुरू हो जाता है और देर शाम तक चलता है। आयोजन के दौरान बॉलीवुड सॉंग्स और राजस्थानी लोकगीतों पर लोग झूमते हैं।
पहले नहीं होती थी कपड़ा फाड़ होली
पुष्कर में पहले केवल रंग-गुलाल की होली खेली जाती थी परन्तु बाद में बाहर से घूमने आए सैलानियों ने इसे कपड़ा फाड़ होली बना दिया जो जल्दी ही पूरे विश्व में मशहूर हो गया। आज यहां दुनिया भर से लोग कपड़ा फाड़ होली खेलने के लिए आते हैं।
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