हिंदू कैलेंडर का दसवां माह यानि पौष माह में भगवान विष्णु और सूर्य की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है।
दिसंबर 2022 के व्रत, त्यौहार व पर्व की लिस्ट : पंडित सुनील शर्मा के अनुसार दिसंबर 2022 में सबसे पहले मोक्षदा एकादशी पड़ेगी, इसके बाद मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत,संकष्टी चतुर्थी,धनु संक्रांति,सफला एकादशी व्रत सहित करीब 8 मुख्य त्यौहार आएंगे।
साल 2022 के आखिरी माह दिसंबर में आने वाले व्रत, त्यौहार और पर्वों को लेकर जहां एक ओर लोगों में उल्लास का माहौल बना हुआ था, कि इस बार कोरोना से दूर रहते हुए हम आने वाले सभी त्यौहारों को धूमधाम से मनाएंगे। वहीं एक बार फिर दिसंबर से ठीक पहले कोरोना के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट ने देश दुनिया में एक बार फिर दहशत का माहौल बनाना शुरु कर दिया है। ऐसे में 2022 में बनी अच्छी और नई आशा के बाद 2023 को लेकर भी कई लोगों के मन में नया संदेह बना हुआ है।
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आइए जानते हैं दिसंबर 2022 में कौन-कौन से व्रत, जयंती और शुभ मुहूर्त कब हैं?
03 दिसंबर 2022, शनिवार : मोक्षदा एकादशी
सनातन धर्म में मोक्षदा एकादशी का व्रत जीवन तमाम परेशानियों को दूर करने वाला माना गया है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की मोक्षदा एकादशी का व्रत 3 दिसंबर 2022, शनिवार को रखा जाएगा और द्वादशी तिथि पर यानि कि 4 दिसंबर 2022 को दोपहर 01.20 मिनट से दोपहर 03.27 इसका व्रत पारण किया जाएगा। ये एकादशी व्यक्ति को सांसारिक मोह के बंधन से मुक्ति और पितरों को मोक्ष दिलाने वाली मानी जाती है।
मार्गशीर्ष माह में पूर्णिमा बहुत मायने रखती है। ये दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित है। अगहन पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, व्रत एवं दान-पुण्य करने के अलावा चंद्रमा की उपासना जरूर करनी चाहिए। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा को अमृत से सींचा गया था।
: दिसंबर 7, 2022 को 08:03:58 से पूर्णिमा आरम्भ
: दिसंबर 8, 2022 को 09:40:13 पर पूर्णिमा समाप्त
16 दिसंबर 2022, शुक्रवार : धनु संक्रांति (सूर्य का धनु राशि में प्रवेश)
धनुसंक्रांति उस दिन पड़ती है, जब सूर्य धनुराशि में प्रवेश कर जाता है। हिंदूधर्म में सूर्य पंचांग के अनुसार धनु संक्रांति के दिन से नौवें महीने का आरंभ होता है। वैष्णव संप्रदाय के अनुसार इसे ही अत्यंत शुभमाह “धनुमाह” भी कहा जाता है। धनुसंक्रांति के दिन सूर्यदेव की आराधना का बहुत महत्व है। इस दिन सूर्य सुबह 10 बजकर 11 मिनट पर वृश्चिक राशि से निकलकर धनु राशि में गोचर करेगा।
शास्त्रों के अनुसार, सफला एकादशी के दिन व्रत कर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही, जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा और व्रत करता है, उसे मृत्यु के बाद बैकुंठ की प्राप्ति होती है।
पंचांग के अनुसार, इस साल पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 19 दिसंबर 2022 को प्रातः काल 03 बजकर 32 मिनट पर शुरू होकर 20 दिसंबर 2022 सुबह 02 बजकर 32 मिनट कर रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए इस साल सफला एकादशी का व्रत 19 दिसंबर 2022, दिन सोमवार को रखा जाएगा।
सफला एकादशी व्रत के पारण का समय : सफला एकादशी का व्रत रखने वाले लोग 20 दिसंबर 2022 को सुबह 08 बजकर 05 मिनट से सुबह 09 बजकर 13 मिनट तक पारण कर सकते हैं।
पितरों को समर्पित सभी दिनों में पौष महीने की अमावस्या का खास महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह पितरों को मुक्ति दिलाने वाला महीना माना गया है। इसे छोटा पितृपक्ष भी कहा जाता हैं। मान्यता है कि पौष माह की अमावस्या पर पूर्वजों के निमित्त पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से उन्हें बैंकुंठ लोक प्राप्त होता है। पितर तृप्त होकर अपने वंशजों को सुख, धन, सौभाग्य का वरदान देते हैं।
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष अमावस्या तिथि 22 दिसंबर 2022 को शाम 07 बजकर 13 मिनट पर शुरू हो रही है. अगले दिन यानी कि 23 दिसंबर 2022 को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर खत्म होगी.
दिसंबर 2022 में पड़ने वाले व्रत त्यौहार…
3 दिसंबर 2022, शनिवार- मोक्षदा एकादशी 5 दिसंबर 2022, सोमवार- प्रदोष व्रत (शुक्ल) 8 दिसंबर 2022, गुरुवार- मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत 11 दिसंबर 2022, रविवार- संकष्टी चतुर्थी
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