मकर संक्रांति पर करें ये उपाय (Makar Sankranti Upay)
Makar Sankranti Upay: डॉ. अनीष व्यास के अनुसार मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय के बाद पानी में काली तिल और गंगाजल मिला कर स्नान करें। इससे सूर्य की कृपा होती है और कुंडली के ग्रह दोष दूर होते हैं। ऐसा करने से सूर्य और शनि दोनों की कृपा मिलती है, क्योंकि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनि के घर मकर में प्रवेश करते हैं। मकर संक्रांति के दिन गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।डॉ. व्यास के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना बेहद शुभ होता है। इस दिन तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें काला तिल, गुड़, लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत आदि डालें और फिर ‘ॐ सूर्याय नम: या ओम नमो भगवते सूर्याय नमः मंत्र का जाप करते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। साथ ही माघ महात्म्य का पाठ करें। मकर संक्रांति पर खिचड़ी तिल और गुड़ का सेवन खासतौर पर किया जाता है। हालांकि इससे पहले सूर्य नारायण को इसे अर्पित करना चाहिए।
मान्यता है कि मकर संक्रांति पर की गई सूर्य पूजा अक्षय पुण्य के साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करती है। इसके अलावा मकर संक्रांति पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। नदी में स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए। इसके बाद नदी किनारे ही जरूरतमंद लोगों को धन, अनाज और तिल-गुड़ समेत इन चीजों का दान करना चाहिए ..
मकर संक्रांति पर दान (Makar Sankranti Daan)
1. तिल और गुड़ का दान
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार तिल शुद्धि का प्रतीक है। तिल का दान करने से स्वास्थ्य लाभ और शांति मिलती है। इस दिन कई लोग तिल और गुड़ के बने लड्डू भी दान करते हैं। मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ के दान से कुंडली में शनि और सूर्य दोष का निवारण होता है। गुड़ का दान मधुरता और सकारात्मकता लाता है। मकर संक्रांति पर गुड़ दान करना आपके जन्म कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत करता है।2. अनाज और खिचड़ी का दान
मकर संक्रांति पर चावल, गेहूं, दाल और बाजरा जैसे अन्न का दान करना शुभ माना जाता है। गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न दान करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है। मकर संक्रांति पर खिचड़ी का दान करना शुभ माना गया है। इस दिन काला उड़द का दान भी धन-धान्य बढ़ाता है।
3. कंबल और वस्त्र का दान
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए कंबल, गर्म वस्त्र और ऊनी कपड़ों का दान अत्यंत पुण्यफलदायक है। विशेषकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। शनि दोष दूर होता है, शन की प्रसन्नता उन्नति की बाधा दूर करती है। अन्न और वस्त्र का दान समृद्धि और खुशहाली लाता है।4. धातु के पात्र का दान
धातु के पात्र का मकर संक्रांति पर दान जैसे सोना, चांदी, तांबे के पात्र या बर्तन का दान करना शुभ माना जाता है। यह व्यक्ति की समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है।5. गौदान का महत्व
डॉ. अनीष व्यास के अनुसार गाय का दान (गौदान) हिंदू धर्म में सर्वोच्च पुण्य कर्म माना गया है। यदि गाय का दान संभव न हो, तो गौशाला में चारा या धन दान कर सकते हैं।
भीष्म ने उत्तरायण तक देह त्याग का इंतजार क्यों किया
महाभारत के अनुसार पितामह भीष्म को इच्छा मृत्यु का वरदान था, जिस समय गंगा पुत्र भीष्म को अर्जुन ने भीष्म को बाणों से वेधा, उस समय सूर्य दक्षिणायन थे। सूर्य का दक्षिणायन होना देवताओं की रात का समय माना जाता है। मान्यता है कि इस समय मृत्यु पाने वाले व्यक्ति को मोक्ष नहीं मिलता, क्योंकि मोक्ष के द्वार बंद रहते हैं।इसलिए भीष्म ने सूर्य के उत्तरायण यानी देवताओं का दिन शुरू होने का इंतजार किया और इसके बाद माघ शुक्ल पक्ष अष्टमी के शुभ मुहूर्त में देह त्याग किया। बता दें कि मकर संक्रांति से ही सूर्य उत्तरायण होना शुरू होते हैं।