scriptSakat Chauth 2025: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, नोट करें तारीख | Sakat Chauth 2025 fast observed on Sakat Chaturthi on 17th January Gansh Puja in hindi | Patrika News
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Sakat Chauth 2025: कब रखा जाएगा सकट चौथ का व्रत, नोट करें तारीख

Sakat Chauth 2025: सकट चौथ व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने और सभी संकटों को दूर करने का एक पवित्र और शुभ अवसर है। इस दिन विध-विधान से पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

जयपुरJan 14, 2025 / 02:29 pm

Sachin Kumar

Sakat Chauth 2025
Sakat Chauth 2025: हिंदू धर्म में सकट चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन माताएं अपने संतान की सुख-समृद्धि के लिए व्रत करती हैं। यह व्रत गणेश भगवान को समर्पित है। यही कारण है कि इसे अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं किस दिन रखा जाएगा सकट चतुर्थी का व्रत?

कब रखा जाएगा सकट चतुर्थी व्रत (When was Sakat Chaturthi fast observed)

Sakat Chauth 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल सकट माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन व्रत रखा जाता है। इस साल 2025 में माघ मास की चतुर्थी तिथि 17 जनवरी 2025 को सुबह 4 बजकर 7 मिनट पर शुरु होगी। वहीं अगले दिन 18 जनवरी को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। इस लिए सकट चतुर्थी का व्रत 17 जनवरी को रखा जाएगा।
सकट चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन और पूजा का विशेष महत्व है। महिलाएं रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत पूर्ण करती हैं।

सकट चौथ व्रत का महत्व (Importance of Sakat Chauth fast)

Sakat Chauth 2025: सकट चौथ का व्रत भगवान गणेश की कृपा पाने के लिए किया जाता है। मान्यता है कि यह व्रत सभी कष्टों को दूर करता है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि लाता है। इस दिन भगवान गणेश को तिल के लड्डू, गुड़, मूंगफली और गन्ने का भोग लगाया जाता है।

सकट चौथ व्रत की पूजन विधि (Worship method of Sakat Chauth fast)

प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।

भगवान गणेश की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं और पूजा सामग्री तैयार करें।
गणेश जी को तिल, गुड़, गन्ना और लड्डू का भोग लगाएं।

गणेश चालीसा और व्रत कथा का पाठ करें।

रात में चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित करें और व्रत पूर्ण करें।

सकट चौथ के खास नियम (Special rules related to Sakat Chauth)

Sakat Chauth 2025: इस शुभ दिन पर तिल और गुड़ का विशेष महत्व है। तिल का उपयोग गणेश भगवान के भोग में किया जाता है। वहीं इसे दान करना भी पुण्यफल देता है। व्रत रखने वाले व्यक्ति को दिनभर निराहार रहना चाहिए और सिर्फ फलाहार ग्रहण कर सकते हैं। गणेश पूजा करने के बाद जरूरतमंदों को अन्न और वस्त्र दान करना बेहद शुभ माना जाता है।

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