देव उठनी ग्यारसः पीपल पेड़ के नीचे इस स्तुति का पाठ करने से हो जाती है हर इच्छा पूरी
सूर्य प्रत्यक्ष देवता है, इनकी अर्चना से मनुष्य को सब रोगों से छुटकारा मिलता है। जो नित्य भक्ति और भाव से सूर्यनारायण को अर्ध्य देकर नमस्कार करता है, वह कभी भी अंधा, दरिद्र, दुःखी और शोकग्रस्त नहीं रहता। कथानुसार, भानु सप्तमी के दिन ही सूर्य भगवान ने अपने प्रकाश से पृथ्वी को प्रकाशवान किया था। रविवार के दिन सप्तमी तिथि के संयोग से ‘भानु सूर्य सप्तमी’ पर्व का सृजन होता है। ग्यारह हजार रश्मियों के साथ तपने वाले सूर्य ‘भग’ रक्तवर्ण है। यह सूर्यनारायण के सातवें विग्रह है और एश्वर्य रूप से पूरी सृष्टि में निवास करते हैं। सम्पूर्ण ऐश्वर्या, धर्म, यश, श्री, ज्ञान और वैराग्य ये छह भाग कहे जाते हैं।
गुरु नानक देव जयंतीः प्रकाश पर्व 12 नवंबर 2019
भानु सप्तमी के दिन सुबह 8 बजे से पहले भगवान सूर्य नारायण के इन दिव्य मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र या सभी मंत्रों को कम से कम 108 बार जप करने धन संबंधित सभी मनोकामनाएं सूर्य देव पूरी कर देते हैं। इस दिन तांबे के पात्र में शुद्धजल भरकर उसमें लाल चन्दन, अक्षत, लाल रंग के फूल डाल कर सूर्यनारायण को अर्ध्य देना चाहिए। इस दिन एक समय बिना नमक का भोजन सूर्यास्त के बाद करना चाहिए। पौराणिक ग्रन्थों और शास्त्रों में भानु सप्तमी के दिन जप, यज्ञ, दान आदि करने पर सूर्य ग्रहण की तरह अनंत गुना फल प्राप्त होता है।
छठ पूजा: छठ मईया एवं सूर्य देव की महाआरती
भानु सप्तमी के दिन इन सूर्य मंत्रों का करें जप
ॐ मित्राय नमः
ॐ रवये नमः
ॐ सूर्याय नमः
ॐ भानवे नमः
ॐ खगाय नमः
ॐ पुष्णे नमः
ॐ हिरन्यायगर्भय नमः
ॐ मरीचे नमः
ॐ सवित्रे नमः
ॐ आर्काया नमः
ॐ आदिनाथाय नमः
ॐ भास्कराय नमः
ॐ श्री सवितसूर्यनारायण नमः।।
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