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खनिज मद से राजहरा का विकास नहीं करने के विरोध में बंद रहा राजहरा, वाहन रैली निकाली

खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) की 60 प्रतिशत और सीएसआर की राशि नगर की बुनियादी सुविधाओं में खर्च करने की मांग को लेकर राजहरा व्यापारी संघ ने मंगलवार को अपना व्यवसाय बंद रखा। वाहन रैली निकालकर शासन-प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।

बालोदAug 27, 2024 / 11:52 pm

Chandra Kishor Deshmukh

खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) की 60 प्रतिशत और सीएसआर की राशि नगर की बुनियादी सुविधाओं में खर्च करने की मांग को लेकर राजहरा व्यापारी संघ ने मंगलवार को अपना व्यवसाय बंद रखा। वाहन रैली निकालकर शासन-प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।
Traders Association’s demonstration खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) की 60 प्रतिशत और सीएसआर की राशि नगर की बुनियादी सुविधाओं में खर्च करने की मांग को लेकर राजहरा व्यापारी संघ ने मंगलवार को अपना व्यवसाय बंद रखा। वाहन रैली निकालकर शासन-प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। गुप्ता चौक से रैली निकाली गई, जो नगर भ्रमण कर फिर से गुप्ता चौक पहुंची और सभा हुई।
नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने कहा कि सरकार के बनाए नियम कानून को सरकार के ही नुमाइंदे नहीं मान रहे हैं। सिर्फ अपनी मनमानी कर रहे है।

राजहरा की स्थिति हो गई बदतर

राजहरा व्यापारी संघ के अध्यक्ष गोविंद वाधवानी ने कहा कि 60 वर्षों से शासन-प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन ने राजहरा का सिर्फ दोहन ही किया है। कई बार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मूलभूत सुविधाओं की मांग की गई, लेकिन विकास पर ध्यान नहीं गया, जिससे राजहरा की स्थिति बदतर हो गई। उन्होंने कहा कि अब नगर की जनता जाग चुकी है। अपने हक के लिए लड़ेगी।
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8 अरब मिले, सिर्फ 5 करोड़ खर्च किया

नगर पालिका अध्यक्ष शीबू नायर ने कहा कि सरकार के बनाए नियम कानून को सरकार के ही नुमाइंदे नहीं मान रहे हैं। सिर्फ अपनी मनमानी कर रहे है। राजहरा की खदानों से होने वाली आय की रायल्टी बीएसपी प्रबंधन 2015 से जिला प्रशासन को लगातार दे रहा है। अब तक 8 अरब रुपए दिए जा चुके हैं। इसकी 60 प्रतिशत राशि प्रभावित खनन क्षेत्र के विकास में खर्च करनी है। सिर्फ पांच करोड़ खर्च किए गए।
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आंदोलन में ये संगठन रहे शामिल

आंदोलन में राजहरा व्यापारी संघ, नगर के सामाजिक संगठन, विभिन्न ट्रेड यूनियन, नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों, आसपास क्षेत्र के ग्रामीण जनप्रतिनिधि व जनता शामिल थी।

राजहरा व्यापारी संघ और राजहरावासियों की मांग

नगर में सर्वसुविधायुक्त 100 बिस्तर सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज का निर्माण करें।
दल्लीराजहरा परिवहन संघ को स्थानीय माइंस एवं पैलेट प्लांट से ट्रक आयरन ओर परिवहन का कार्य दिया जाए।
केंद्रीय विद्यालय को अतिशीघ्र प्रारंभ करें और दल्लीराजहरा को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करें।
लघु उद्योग के लिए 20 एकड़ जमीन आवंटित की जाए।
रजिस्ट्री को सरलीकृत किया जाए।
बायपास सड़क का निर्माण अतिशीघ्र प्रारंभ किया जाए।
प्रभावित क्षेत्र की नगर पालिका को हर वर्ष डीएमएफ एवं सीएसआर निधि से 5 करोड़ विकास कार्यों, नगर पंचायतों को 3 करोड़ एवं ग्राम पंचायतों को 50 लाख दिए जाएं।
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डीएमएफ से जिला प्रशासन इन कार्यों को कराएं

सड़क : नगर के टाउनशिप, पुराना बाजार, मुख्य मार्ग सहित सभी सड़क खराब हो चुकी है। पुराना बाजार की सड़क के लिए बीएसपी सिर्फ घोषणा कर कार्य प्रगति पर नहीं है। बारिश में दिक्कत हो रही है।
स्वास्थ्य: बीएसपी का अस्पताल रेफर सेंटर बन चुका है। यहां कोई सुविधा नही है। राजहरा व्यपारी संघ के आंदोलन के बाद डॉक्टरों की नियुक्ति की बात कही गयी थी, जो पूरी नहीं हुई है। यहां समस्य सुविधाएं उपलब्ध कराएं। सेक्टर 9 अस्पताल की भांति आयुष्मान कार्ड से इलाज की सुविधा प्रदान करें।
सफाई और बिजली: टाउनशिप में स्ट्रीट लाइट खराब हो चुकी है। हमेशा अंधेरा रहता है। रात्रि में दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं बीएसपी क्षेत्र में गंदगी रहती है। जगह-जगह गाजर घास उग आई है। सफाई के अभाव में डेंगू व मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है।

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