7 मई को देशभर में नीट की एंट्रेंस एग्जाम हुई थी, एग्जाम दे चुके स्टूडेंट्स को अब रिजल्ट का इंतजार है, सूत्रों की माने तो नीट का रिजल्ट इसी सप्ताह या अगले सप्ताह की शुरुआत में आएगा, ये परीक्षा करीब 499 शहरों में हुई थी। आपको बतादें कि नीट की एग्जाम हर साल एमबीबीएस और बीडीएस जैसे मेडिकल कोर्सस के लिए आयोजित की जाती है, जिसमें सफल होने के बाद ही स्टूडेंट्स को कॉलेज में सीट मिल पाती है।
अच्छी रैंक लाने पर मिलेगा अच्छा कॉलेज
नीट की एग्जाम में जो स्टूडेंट जितनी अच्छी रैंक लेकर आएगा, उसे उतना ही अच्छा कॉलेज मिलेगा, अच्छी रैंक लाने पर एम्स जैसे बड़े मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलना आसान होगा, चूंकि एम्स जैसे कॉलेजों में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को नौकरी और प्रेक्टिस दोनों में अच्छा रिस्पांस मिलता है, इसलिए अच्छी रैंक आने पर स्टूडेंट्स की खुशी का ठिकाना भी नहीं रहता है।
ऐसे मिलता है मेडिकल कॉलेज में प्रवेश
डॉैक्टर बनने के इच्छुक स्टूडेेंट्स को सबसे पहले नीट एग्जाम देनी पड़ती है, इसमें सफल होने के बाद काउंसलिंग में शामिल होना पड़ता है, जिसके बाद अच्छी रैंक होने पर अच्छे कॉलेज में एडमिशन मिलता है, अन्यथा प्राइवेट कॉलेजों में पेमेंट देकर सीट लेनी पड़ती है, तब जाकर कहीं डॉक्टर की पढ़ाई शुरू होती है, इसके बाद कहीं जाकर कोई स्टूडेंट् डॉक्टर बन पाता है।
इतने नंबर लाना जरूरी है
मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए आयोजित एंट्रेंस एग्जाम नीट में पास होने के लिए जनरल कैटेगिरी के स्टूडेंट्स को 50 प्रतिशत और ओबीसी व एससी-एसटी के स्टूडेंट्स को 40 प्रतिशत नंबर लाना पड़ता है। आपको यह भी बतादें कि किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन के लिए करीब 600 या उससे अधिक नंबर लाना जरूरी होता है, वहीं किसी प्राइवेट कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए भी कम से कम 550 नंबर तो लाना ही पड़ते हैं। नीट एग्जाम के रिजल्ट के आधार पर ही स्टूडेंट्स को एमबीबीएस, बीडीएस और बीएससी नर्सिंग जैसे कोर्स करने के लिए अच्छे कॉलेजों में एडमिशन मिलता है। इसमें असफल होने पर आप मेडिकल की पढ़ाई नहीं कर सकते हैं, इसलिए लाखों स्टूडेंट्स फिर से नीट क्लियर करने की तैयारी करते हैं।