ब्रेक्जिट पर रार बरकरार, थेरेसा मे और कार्बिन के बीच नहीं बन सकी सहमति
तीन बार खारिज हो चुका है प्रस्ताव
बता दें कि इससे पहले थेरेसा मे ने तीन बार संसद में ब्रेक्जिट प्रस्ताव रखा लेकिन तीनों बार संसद में प्रस्ताव खारिज हो चुका है। अब एक बार फिर से थेरेसा में इस योजना को पास करने का प्रयास में लगी हैं। मे ने यूरोपीय संघ ( European Union ) से ब्रिटेन ( Britain ) के निकलने वाले व्यापक कानून में कई तरह के ने नियमों को शामिल किया है। जिसमें साथ ही साथ एक दूसरे जनमत संग्रह ( referendum ) की पेशकश की है , जिसका संबंध श्रमिकों के अधिकारों, पर्यावरणीय प्रावधानों, साथ ही यूरोपीय संघ के साथ एक अस्थायी सीमा शुल्क से भी है| मे ने कहा कि यदि इस समझौते से सहमत होने में विफलता मिलती है तो यह ‘स्थायी रूप से ध्रुवीकृत राजनीति के बुरे सपने’ को जन्म देगी। प्रधानमंत्री मे के इस प्रस्ताव को पहले से भी बदतर बताते हुए प्रधानमंत्री की पार्टी में प्रो-ब्रेक्जिट ब्लॉक के नेता और कंजर्वेटिव सांसद जैकब-रीस मोग ने कहा कि हम यूरोपीय संघ को रियायतें देने के लिए गहराई से बाध्य करेंगे। लेबर पार्टी के सांसद मार्गरेट बेकेट जो कि आधिकारिक लोगों के वोट अभियान का समर्थन करते हैं, ने इसे ‘हॉच-पॉच ऑफर’ के रूप में देखा और कहा है कि इस अस्वीकार कर देना चाहिए।
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जून में रखा जाएगा प्रस्ताव
ब्रेक्जिट को लेकर एक बार फिर से प्रधानमंत्री थेरेसा मे जून के पहले हफ्ते में संसद में प्रस्ताव रखेंगी। जब मे हाउस ऑफ कॉमन्स के समक्ष प्रस्ताव रखेंगी तो यह चौथी बार होगा जब इसे पास कराने का प्रयास किया जाएगा। संभवतः यह आखिरी मौका होगा क्योंकि यूरोपीय संघ को छोड़ने के लिए बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है। ब्रेक्जिट के लिए मतदान अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की आगामी ब्रिटेन यात्रा के साथ होगा। ऐसा माना जा रहा है कि यूरोपीय चुनावों में कंजर्वेटिव पार्टी की ओर से हिंसक प्रदर्शन होने की संभावना है, जिससे बचने की पीएम मे को उम्मीद थी।
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