सीसीएल की प्रमुख अलेक्जेंड्रा मत्वीचुक ने कहा, ‘यूक्रेन के लोग दुनिया में सबसे ज़्यादा शांति चाहते हैं लेकिन जिस देश पर हमला हो रहा है, वह हथियार डाल कर शांति नहीं पा सकता है।’ मत्वीचुक ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन, उनके सहयोगी बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको और ‘अन्य युद्ध अपराधियों’ के लिए एक अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के लिए अपनी अपील दोहराई। उन्होंने कहा कि यूक्रेन के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर रूसी बमबारी के कारण मुझे अपना नोबेल स्वीकृति भाषण मोमबत्ती की रोशनी में लिखना पड़ा। रूसी आक्रमण की शुरुआत के नौ महीनों में, सीसीएल ने कथित युद्ध अपराधों के 27,000 से अधिक मामलों का दस्तावेजीकरण किया है।
उनके रूसी सह-पुरस्कार विजेता मानवाधिकार संगठन मेमोरियल के अध्यक्ष यान रचिंस्की ने पूर्व सोवियत संघ से विरासत में मिली रूस की ‘शाही महत्वाकांक्षाओं’ की निंदा की ‘जो आज भी फल—फूल रही है।’ उन्होंने कहा कि पुतिन और उनके ‘वैचारिक दासों’ ने ‘अपने स्वयं के राजनीतिक हितों के लिए ‘फासीवाद-विरोधी संघर्ष को हाईजैक’ कर लिया है। अब, ‘रूस में सत्ता के प्रतिरोध को ‘फासीवाद’ कहा जाता है।’
पिंचुक ने अपने पति बालियात्स्की की ओर से बात की, जिन्हें कर चोरी के लिए बेलारूस में 12 साल तक की जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है। उनके समर्थकों का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। बालियात्सकी की ओर से पिंचुक ने कहा कि मेरी मातृभूमि में, पूरा बेलारूस ही एक जेल बन गया है।