सपा हमेशा पहली प्राथमिकता शिवपाल ने यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (
UP Election 2022) के लिए भतीजे अखिलेश यादव को लेकर कहा कि चाचा शब्द में ही आत्मीयता है। कौन नहीं चाहेगा अपने भतीजे को आशीर्वाद देना। हम चाहते हैं कि समान विचारधारा वाले सभी धर्मनिरपेक्ष दल चुनाव में एकसाथ आएं और विजयी हों। मेरी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता समाजवादी पार्टी है। इसके अलावा शिवपाल यादव ने एक और ऐलान किया कि वह 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में किसी न किसी दल के साथ गठबंधन करके ही मैदान में उतरेंगे।
फिर छलका चाचा का दर्द दरअसल अपनी सरकार के दौरान ही अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने उनको समाजवादी पार्टी में हाशिये पर कर दिया था। अखिलेश ने जब से सपा का मोर्चा संभाला तभी से शिवपाल यादव की अहमियत भी कम हो गई। वहींं यूपी विधानसभा चुनाव 2017 में सपा को मिली करारी हार के बाद शिवपाल यादव ने अपनी अलग प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) बनाने की भी घोषणा कर दी। 24 अक्टूबर 2018 को चुनाव आयोग से उनकी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) को मान्यता मिली गई।
अलग होने के बाद दोनों को मिली करारी हार हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और प्रसपा दोनों ही पार्टियों को करारी हार का मुंह देखना पड़ा। इसके बाद भी कई मौकों पर चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के रिश्ते ठीक होते दिखे। शिवपाल यादव ने कई इशारों में कहना चाहा कि अगर अखिलेश यादव उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें देती है तो वह यूपी विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) सपा के साथ गठबंधन करके लड़ सकते हैं। हालांकि अखिलेश यादव के रवैये को देखते हुए ऐसा लगता नहीं कि अखिलेश भविष्य में शिवपाल और उनकी पार्टी प्रसपा से कोई गठबंधन करने वाले हैं।