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Tamil Nadu Assembly Elections 2021: MLA चंद्रसेकरन AIADMK से निष्काषित, पार्टी को सकता है नुकसान

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जीत हासिल कर सत्ता में वापसी करना AIADMK के लिए आसान नहीं है। ऐसा इसलिए कि पार्टी का असंतुष्ट धरा ही इस राह में सबसे बड़ी बाधा है।

Mar 18, 2021 / 05:01 pm

Dhirendra

palanisami and pannirselvom

एआईएडीएमके नेतृत्व को टीटीवी दिनाकरण और शशिकला से भीतरघात की आशंका है।

नई दिल्ली। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021 ( Tamil Nadu Assembly Election 2021 ) को लेकर राजनीति चरम पर है। इस बीच सत्ताधारी एआईएडीएमके AIADMK नेतृत्व ने अपने ही एक विधायक को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इस फैसले के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि एआईएडीएमके को चुनाव के नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसा इसलिए कि 10 मार्च को भी एक विधायक के खिलाफ पार्टी नेतृत्व ने कार्रवाई की थी।
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चंद्रसेकरन ने भरा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पर्चा

फिलहाल, एआईएडीएमके से टिकट न मिलने के बाद तमिलनाडु के सेन्दमंगलम विधानसभा सीट से एआईएडीएमके विधायक चंद्र सेकरन ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में पर्चा दाखिल कर दिया है। उनके इस रुख से माना जा रहा है कि एआईएडीएके इस सीट से चुनाव हार सकती है। यही वजह है कि सेकरन को पार्टी गतिविधि के आरोप में निष्काषित किया गया है। इतना ही नहीं आसपास की सीटों पर भी उन्होंने एआईएडीएके को नुकसान पहुंचाने के संकेत दिए हैं।
विधायक राजवर्मन ने मिलाया एएमएमके से हाथ

इसी तरह एक सप्ताह पहले एआईएडीएमके विधायक एमएसआर राजवर्मन ने एआईएडीएमके को छोड़कर अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम ( AMMK ) में शामिल हो गए थे। राजवर्मन के साथ ही वेम्बकोट्टई और सत्तूर में एआईएडीएमके के 13 पदाधिकारी भी एएमएमके में शामिल हुए हैं। राजवर्मन सत्तूर से 2019 में हुए उपचुनाव में राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे। हालांकि, इस बार पार्टी ने उनको टिकट देने से इनकार कर भालाजी को टिकट दिया है।
दिनाकरण और शशिकला से भीतरघात का डर

तभी से इस बात की आशंका जताई जा रही है कि असंतुष्ट गुट नेता दिनाकरण और शशिकला असंतुष्ट विधायकों से हाथ मिलकार एआईएडीएमके की सत्ता में वापसी को रोक सकते हैं। ऐसा इसलिए संभव माना जा रहा है कि जयललिता के निधन के बाद से पार्टी से नाराज और अपना अलग गुट बनाकर चल रहे टीटीवी दिनाकरण सीएम ई पलानीसामी और ओ पनीरसेलवम की सत्ता में फिर से वापसी किसी सूरत में नहीं चाहते हैं। असंतुष्ट नेताओं को बाकी कसर एंटी इनकंबेंसी वोट से पूरा होने की उम्मीद है। यानि गुटबाजी एआईएडीएमके के लिए भीतरघात के रूप में सामने आ सकता है।
दिनाकरन का दावा है कि मौजूदा एआईएडीएमके सरकार को लेकर लोगों में नफरत है। नीट पर सरकार की नीति को लेकर मेडिकल में दाखिला की आकांक्षा रखने वाली अनीता ने बीते सप्ताह आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से तमिलनाडु में लोगों का प्रदर्शन जारी है।
जेल से छूटने के बाद शशिकला सबसे बड़ी चुनौती

इसके अलावा जयललिता की सहयोगी रहीं वीके शशिकला AIADMK के सामने नई चुनौती बनकर उभरी हैं। जेल से छूटने के बाद उन्होंने सियासी सक्रियता नहीं दिखाई है। इसके बावजूद माना जा रहा है कि वो एआईएडीएमके नेतृत्व को नुकसान पहुंचा सकती है। आपको बता दें कि सीएम ए पलानीस्वामी और ओ पनीरसेलवम के हाथ मिलाने के बाद अपनी ही पार्टी के सत्ता रहते हुए शशिकला को जेल जाना पड़ा था। चार साल की सजा काटने के बाद हाल ही में वो जेल से बाहर आई हैं। फिर जयललिता के विरासत पर काबिज होने की जंग में वो भी शामिल थी। उस समय शशिकला के मुख्यमंत्री बनने के सपनों पर ई पलानीसामी और पन्नीरसेलवम ने पानी फेर दिया था।
आपको बता दें कि तमिलनाडु की 233 सदस्यों की विधानसभा में सरकार के खिलाफ अब विधायकों की संख्या 119 है। डीएमके के 89 व उसके सहयोगियों कांग्रेस व मुस्लिम लीग की संख्या 9 हैं। इसके अलावा दिनाकरन गुट का दावा है कि उसके 21 विधायक हैं।

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