एएमयू विद्यार्थियों से महात्मा गांधी ने खादी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल की अपील की थी। पूर्व छात्र मो. हरसत मोहानी ने रसलगंज में खादी भंडार खोलकर स्वदेशी आंदोलन को हवा दी थी। उन्होंने यह भंडार गांधाजी के विचारों से प्रभावित होकर ही खोला था। इतना ही नहीं, उनके आह्वान पर कैंपस में विदेशी सामान की होली भी जलाई गई थी।
-इतिहासकार इरफान हबीब यादगार पलों को याद करते हुए बताते हैं कि वह जब दसवीं की पढ़ायी कर रहे थे, उस समय पहली बार गांधीजी को देखा था। यह बात वर्ष 1946-47 की है। गांधीजी की प्रार्थना सभा में उनके पिताजी शामिल हुए थे। उन्हीं के साथ जाने का अवसर मिला था।