प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में यह बड़ा फैसला लिया गया है। अब 10वीं के छात्रों को बिना परीक्षा के ही आगे प्रमोट किया जाएगा। ऐसे में अब छात्रों और अभिभावकों के मन में कई तरह के प्रश्न उठ रहे हैं, जिनमें से एक ये है कि किस आधार पर प्रमोट किया जाएगा?
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शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, 1 जून को कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा करने के बाद 12वीं की परीक्षा के लिए नए शेड्यूल पर फैसला लिया जाएगा। वहीं 10वीं कक्षा रिजल्ट एक वैकल्पिक पद्धति के द्वारा तैयार किया जाएगा। छात्रों का मूल्यांकन कैसे किया जाए इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय बहुत जल्द एक फॉर्मूला तैयार करेगा।
इसके आधार पर ही छात्रों को मार्क्स दिए जाएंंगे और फिर उन्हें प्रमोट किया जाएगा। यदि कोई छात्र इस पद्धति के जरिए दिए गए मार्क्स से खुश नहीं होता है, तो वैसे छात्रों को बाद में मौका दिया जाएगा और हालात ठीक होने पर परीक्षा कराई जाएगी। असंतुष्ट छात्र परीक्षा में शामिल होकर अपने मार्क्स को सुधार सकते हैं।
ये हो सकता है रिजल्ट तैयार करने का फॉर्मूला
आपको बता दें कि दसवीं की छात्रों को अगले क्लास में बिना परीक्षा के ही प्रमोट किया जाएगा। ऐसे में छात्रों का मूल्यांकन के लिए शिक्षा मंत्रालय एक फॉर्मूला तैयार करेगा। माना जा रहा है कि पिछले साल की तरह ही इस बार भी उसी फॉर्मूले पर छात्रों को मार्क्स दिए जाएंगे।
पिछले साल कोरोना की वजह से 10वीं और 12वीं के कई पेपर नहीं हो सके थे। 10वीं और 12वीं के कुल 83 विषयों के पेपरों में से 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षाएं ली गईं थीं। शेष 54 विषयों का ग्रेडिंग से मूल्यांकन किया गया था। इनमें इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट वर्क के आधार पर छात्रों को मार्क्स दिया गया था।
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इसके अलावे कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों को भी इंटरनल असेसमेंट, टेस्ट, प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर मूल्यांकन करते हुए पास कर अगली कक्षा में प्रमोट किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि इसी आधार पर ही इस वर्ष भी इंटरनल असेसमेंट, प्रोजेक्ट वर्क और असाइनमेंट वर्क के आधार पर सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जारी कर सकती है।
पिछले साल 10वीं के 91.46 फीसदी विद्यार्थी पास हुए थे। हालांकि, मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई थी। साथ ही बोर्ड ने 12वीं और 10वीं दोनों कक्षाओं के टॉपरों का भी ऐलान नहीं किया था।