वहीं यूएन ने 7 फीसदी से ज्यादा की तेजी का अनुमान लगाया है। जानकारों की मानें इस अनुमान के बाद भारत दुनिया में सबसे तेजी के साथ ग्रो करने वाला देश बन जाएगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर दोनों की ओर से भारत की जीडीपी को लेकर किस तरह का अनुमान लगाया गया है।
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आईएमएफ की ओर से दिया इस तरह का अनुमान
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष यानी आईएमएफ ने 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 11.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। कोविड इस माहौल में भारत दुनिया का एकमात्र देश है, जिसकी आर्थिक वृद्धि दर इस साल दहाई अंक में होगी। वहीं वर्ष 2020 में महामारी के कारण इसमें 8 फीसदी की गिरावट का लगाया है।
आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार चीन 2021 में 8.1 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर होगा। जिसके बाद क्रमश: स्पेन 5.9 फीसदी और फ्रांस 5.5 फीसदी के साथ चौथे स्थान पर रहने का अनुमान लगाया है।
वहीं चीन एकमात्र ऐसा देश है कि जिसकी वृद्धि दर 2020 में सकारात्मक 2.3 फीसदी रहने का अनुमान है। वहीं 2022 में भारत की विकास दर 6.8 फीसदी और चीन की 5.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
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यूएन की रिपोर्ट इस तरह का दावा
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था साल 2020 में कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते 9.6 प्रतिशत तक संकुचित हुई। जबकि 2021 में यह 7.3 फीसदी की दर से बढ़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की ‘वर्ल्ड इकनॉमिक सिचुएशन एंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट-2021’ में कहा गया है कि कोविड-19 संकट ने विकासशील देशों में श्रम क्षेत्र पर कहर बरपाया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के मध्य तक बेरोजगारी दर भारत में रिकॉर्ड 23 फीसदी तक बढ़ गई। वहीं 2022 में विकास दर कुछ कम होगी और उस दौरान इसके 5.9 फीसदी रहने की संभावना है।