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खुदरा महंगाई दर में हुआ इजाफा
भारत का खुदरा महंगाई दर या उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) जून में 6.09 प्रतिशत रहा है। आधिकारिक आंकड़ों से सोमवार को यह जानकारी सामने आई है। शहरी सीपीआई 5.91 प्रतिशत और ग्रामीण सीपीआई 6.20 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने हालांकि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण सीपीआई या खुदरा महंगाई पर करेस्पांडिंग आकड़े नहीं दिए हैं।
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मार्च में खुदरा महंगाई दर थी 6 फीसदी से नीचे
अगर बात मार्च की बात करें तो पहले खुदरा महंगाई दर 5.91 फीसदी बताई गई थी, जिसे अप्रैल में रिवाइज करके 5.84 फीसदी कर दिया गया था।यानी महंगाई दर के आंकड़ें 6 फीसदी से नीचे थे। आपको बता दें कि सरकार ने अप्रैल और मई में खुदरा महंगाई के आंकड़े जारी नहीं किए थे। लेकिन अप्रैल में मार्च की महंगाई दर के आंकड़े रिवाइज किए गए थे।
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फूड इंफ्लेशन में गिरावट
वहीं दूसरी ओर खाद्य महंगाई दर की बात करें तो आम लोगों को राहत की सांस मिली है। जून के महीने में फूड इंफ्लेशन 7.87 फीसदी पर आ गया है। जबकि मई के महीने में यह 9.20 फीसदी था। आपको बता दें कि अच्छी फसल की वजह से सब्जियों की कीमतों में गिरावट देखने को मिली थी। वहीं मौजूदा समय में सब्जियों की कीमतों में इजाफा देखने को मिल रहा है। अगले जुलाई के आंकड़ों में खाद्य महंगाई दर में इजाफा देखने को मिल सकता है।
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उम्मीद से ज्यादा महंगाई
सीएफपीआई की रीडिंग खाद्य उत्पादों के खुदरा मूल्य में बदलाव को मापती है। आईसीआरए की प्रमुख अर्थशास्त्री, अदिति नायर ने कहा कि तीन महीने के अंतराल बाद सीएसओ द्वारा जारी हेडलाइन सीपीआई महंगाई दर में जून 2020 के लिए महंगाई दर 6.1 प्रतिशत है, जो उम्मीद से अधिक है। यह फुटकर वस्तुओं, वस्त्र और फूटवियर, पान, तंबाकू आदि के कारण है।