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अर्थव्‍यवस्‍था

आतंकवादी हमले के बाद अमरीका से हुई बातचीत का हुआ फायदा, तेल खरीदारी की समस्या खत्म

अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने शुक्रवार को संकेत दिया कि भारत की वेनेजुएला से तेल खरीदना जारी रखने से जुड़ी चिंताओं का हल पहले ही निकाला जा चुका है।

Feb 16, 2019 / 11:01 am

Dimple Alawadhi

America India

आतंकवादी हमले के बाद अमरीका से हुई बातचीत का हुआ फायदा, तेल खरीदारी की समस्या खत्म

नई दिल्ली। अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने शुक्रवार को संकेत दिया कि भारत की वेनेजुएला से तेल खरीदना जारी रखने से जुड़ी चिंताओं का हल पहले ही निकाला जा चुका है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले को लेकर बोल्टन और उनके भारतीय समकक्ष अजीत डोभाल के बीच टेलीफोन पर बातचीत के दौरान इस मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा हुई।


बोल्टन ने ट्वीट कर दी थी चेतावनी

https://twitter.com/AmbJohnBolton/status/1095330897136705536?ref_src=twsrc%5Etfw

आपको बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में, बोल्टन ने कहा था कि ‘वेनेजुएला से तेल खरीदने वाले देशों को माफ नहीं किया जाएगा।’ उन्होंने ट्वीट किया था कि, ‘राष्ट्रपति (निकोलस) मादुरो द्वारा वेनेजुएला के संसाधनों की चोरी का समर्थन करने वाले देशों और कंपनियों को माफ नहीं किया जाएगा।’ इस ट्वीट के साथ उन्होंने और ज्यादा तेल बेचने के मकसद से वेनेजुएला के तेल मंत्री मैनुएल क्विवेदो की भारत यात्रा से जुड़ी एक खबर साझा की थी।


भारत पर बोल्टन ने दिया ये बयान

बोल्टन ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘अमरीका वेनेजुएला के लोगों की संपत्ति को संरक्षित करने के लिए अपनी पूरी ताकत का प्रयोग करना जारी रखेगा और हम सभी राष्ट्रों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।’ बोल्टन से जब पूछा गया कि भारत जैसे देश वेनेजुएला से तेल खरीदना जारी रखते हैं तो उन्हें किन परिणामों का सामना करना पड़ सकता है, बोल्टन ने संकेत दिया कि समस्या खड़ी होने से पहले ही हल की जा सकती है।


नेतृत्व संकट से गुजर रहा वेनेजुएला

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि, ‘मुझे नहीं लगता कि यह सवाल होना चाहिए कि इसके परिणाम क्या होंगे, क्योंकि वे (भारत जैसे देश) वेनेजुएला से तेल की खरीद में कटौती भी कर सकते हैं।’ वेनेजुएला इस समय नेतृत्व संकट से गुजर रहा है। वहां हुए चुनाव में राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को बहुमत मिला था, लेकिन विपक्ष के नेता जुआन गुइदो ने जनवरी में खुद को कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। गुइदो को अमरीका और यूरोपीय देशों का समर्थन हासिल है, जिसकी वजह से भारत जैसे देशों के वेनेजुएला से तेल खरीदने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।

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