दरअसल फिलहाल फसलों का MSP, अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कृषि उत्पाद की कीमतों से बहुता ज्यादा है। जिसकी वजह से बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। मंत्री ने ये बात एक वेबिनार के दौरान बोली। इसके अलावा मंत्री जी ने माना कि कुछ राजनैतिक कारणों की वजह से भी निर्णय लेने में दिक्कत होती है ।
कृषि क्षेत्र की समस्याओं के बारे में बात करते हुए ट्रांसपोर्ट मंत्री ने बताया कि अधिक MSP की वजह से इस सेक्टर में लोगों की परचेजिंग प़वर पर असर पड़ सकता है और वैसे भी हमारे देश में क-षि की समस्या कुछ और है। अगर ध्यान दे तो आप पाएंगे कि भारत के पास फिलहाल अगले 3 साल के लिए पर्याप्त गेहूं और चावल का भण्डार है लेकिन हमारे पास इन्हें रखने के लिए स्टोरेज हाउस की कमी है। जिनके न होने पर हम अपनी सरप्लस फसलों को गंवा देते हैं। हालांकि फिलहाल सरकार अतिरिक्त चावल से बॉयो डीजल बनाने पर विचार कर रही है।
नितिन गडकरी ने ये बात ऐसे वक्त पर कही है जब सरकार कृषि क्षेत्र के भरोसे कोरोना की समस्या से पार होने का दावा कर रही है । सरकार ने अभी हाल ही में 14 फसलों के न्यूनतम समर्थित मूल्य में वृद्धि की है। लेकिन नितिन गडकरी ये चेतावनी सरकार की चिंता बढ़ा सकती है।