scriptहज स्पेशलः तेल से नहीं अब हज होगा सऊदी अरब की इकोनाॅमी का बड़ा हिस्सा | Haj yatra will be the largest part of Saudi Arabia's economy | Patrika News
अर्थव्‍यवस्‍था

हज स्पेशलः तेल से नहीं अब हज होगा सऊदी अरब की इकोनाॅमी का बड़ा हिस्सा

सऊदी अरब के नए प्रिंस अब तेल के खेल से बाहर निकलने पर काम कर रहे हैं। नए प्रिंस का मानना है कि देश को अब तेल से अलग दूसरे सोर्स से भी कमार्इ की जाए। इसके लिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 2030 भी जारी कर दिया है।

Aug 21, 2018 / 08:47 am

Saurabh Sharma

Haj yatra

हज स्पेशलः तेल से नहीं अब हज होगा सऊदी अरब की इकोनाॅमी का बड़ा हिस्सा

नर्इ दिल्ली। दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातकों में से एक सऊदी अरब अब अपनी कमार्इ करने तरीका बदलने जा रहा है। इसके लिए सऊदी अरब की आेर से 2030 तक का पूरा प्लान बना लिया है। अब तेल नहीं हज यात्रा को देश की इकोनाॅमी का हिस्सा बनाने की कवायद शुरू कर दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो सऊदी अरब तेल से ज्यादा हज से कमार्इ करने लगेगा। आपको बता दें कि मंगलवार से हज शुरू हो रहा है। इस मौके पर आपको बताते हैं कि किस तरह से हज को सऊदी अरब देश की इकोनाॅमी दूसरे तरीके से आमदनी करने लगेगा। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सऊदी अरब एेसा क्या करने जा रहा है?

तेल का खेल खत्म करेगा सऊदी अरब
सऊदी अरब के नए प्रिंस अब तेल के खेल से बाहर निकलने पर काम कर रहे हैं। नए प्रिंस का मानना है कि देश को अब तेल से अलग दूसरे सोर्स से भी कमार्इ की जाए। इसके लिए देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 2030 भी जारी कर दिया है। इसमें सऊदी अरब में हज यात्रा करने वाले लाखों हज यात्रियों पर फोकस किया गया है। आपको बता दें कि सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर तेल पर निर्भर करती है। हालत यह है कि वहां के बजट का 87 फीसदी जबकि कुल जीडीपी का 47 फीसदी और आयात का 97 फीसदर राजस्व तेल से ही आता है। हालांकि, तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव की वजह से सऊदी अरब तेल पर निर्भरता कम करने और अन्य मदों से राजस्व बढ़ाने के उपायों पर जोर देने लगा है।

सऊदी अरब में इतनी होती है हज उमरा से कमार्इ
– सऊदी अरब को उम्मीद है कि साल 2030 तक हर वर्ष 3 करोड़ हज यात्री आएंगे।
– पिछले 25 वर्षों में करीब 5 करोड़ 40 लाख लोग हज यात्रा पर सऊदी अरब जा चुके हैं।
– तेल और गैस के बाद तीर्थाटन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है।
– हज साल में एक बार जबकि उमरा पूरे साल चलता रहता है।
– हज और उमरा करनेवालों के आगमन से सऊदी अरब को हर वर्ष करीब 12 अरब डॉलर यानी 840 अरब रुपए की आमदनी होती है।
– इनमें हज का हिस्सा 5 से 6 अरब डॉलर यानी 4 खरब रुपए का है।
– यह रकम सऊदी अरब की कुल जीडीपी का 7 फीसदी है, जबकि तेल को छोड़कर शेष सभी मदों से होने वाली आमदनी का करीब 20 फीसदी है।
– 2022 तक तीर्थाटन से आमदनी बढ़कर 150 अरब डॉलर 10476 रुपए से भी अधिक होगी।
– जिसके लिए मक्का में आलीशान होटल बनाए गए हैं।
– होटलों के एक सुइट में रात भर ठहरने के लिए 5,880 डॉलर 4 लाख रुपए तक चुकाना पड़ सकता है।
– 14 हजार फ्लाइट्स से 2 लाख तीर्थयात्री सऊदी अरब पहुंचते हैं।
– तीर्थाटन करवाने में 21 हजार बसों का इस्तेमाल होता है।
– तीर्थयात्रियों के बीच कुरान की 80 लाख प्रतियां बांटी जाती हैं।
– हज यात्रियों की सुरक्षा के लिए 18 हजार नागरिक सुरक्षा कर्मी लगे रहते हैं।

कुछ एेसा सऊदी अरब का विजन डाॅक्युमेंट्स
– सऊदी अरब के विजन 2030 के तहत एक डेवेलपमेंट कंपनी खड़ा करने की है।
– यह पहले चरण में 115 बिल्डिंग, 70 हजार होटल रूम, 9 हजार फ्लैट्स और 3.6 लाख स्क्वैयर मीटर में बाजार बनाएगी।
– इससे सऊदी अरब में रोजगार के 1.5 लाख मौके पैदा होंगे।

Hindi News / Business / Economy / हज स्पेशलः तेल से नहीं अब हज होगा सऊदी अरब की इकोनाॅमी का बड़ा हिस्सा

ट्रेंडिंग वीडियो