आसान होगी GST प्रक्रिया
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अगस्त के बाद से जीएसटी रिफंड की मंजूरी और प्रोसेसिंग दोनों काम एक ही व्यवस्था के द्वारा देखे जाएंगे, जिससे इस काम में तेजी आएगी। आपको बता दें कि जीएसटी से जुड़े सभी कामों को राजस्व विभाग के द्वारा ही किया जाएगा, जिसाका सीधा फायदा निर्यातकों को मिलेगा। जीएसटी में इस बदलाव के बाद ही करदाता को पहले अपने टैक्स के लिए दावा करना होगा और उसके बाद उसका रिफंड अधिकारियों के द्वारा मिल जाएगा।
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एक ही बार में मिलेगा पूरा रिफंड
वर्तमान में, करदाता के द्वारा रिफंड फाइल करने के बाद केंद्रीय कर अधिकारी 50 फीसदी दावे का भुगतान कर देता है और बाकी बची राशि का भुगतान राज्य के कर अधिकारियों की जांच-पड़ताल के बाद किया जाता है, जिसके कारण टैक्सपेयर्स को अपना रिफंड पाने में काफी समय लग जाता है। इसी प्रक्रिया को आशान बनाने के लिए सरकार के द्वारा ये कदम उठाया जा रहा है। GST रिफंड के लिए राज्य कर अधिकारियों के पास दावा करने पर भी इसी व्यवस्था का पालन किया जाता है, जिसकी वजह से पूरा रिफंड मिलने में काफी समय लगता है और एक्सपोर्टर्स के सामने नकदी का संकट खड़ा हो जाता है। रिफंड प्रक्रिया में होने वाली इस देरी की समस्या को दूर करने के लिए ही एकल व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है।
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जांच पड़ताल के बाद दी जाएगी मंजूरी
सिंगल अथॉरिटी व्यवस्था के तहत, टैक्सपेयर्स के बारे मेंपूरी जांच पड़ताल करने के बाद ही उसकी रिफंड की प्रक्रिया को मंजूरी दी जाएगी। बाद में आंतरिक खाता समायोजन यानी इंटर्नल अकाउंट एडजस्टमेंट के माध्यम से दोनों टैक्स अथॉरिटी बाकी बची राशि को व्यवस्थित कर लेंगे।
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