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कारोबारियों की मांग
इसपर गौर किया जा सकता है कि कोविड-19 के मौजूदा हालात में पांच करोड़ रुपए से कम के कारोबार वाले छोटे बिजनेस को मदद करने के लिए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई 2020 के जीएसटी रिटर्न को जून 2020 तक विस्तारित करने की पहले ही घोषणा कर रखी है। इस अवधि के लिए कोई विलंब शुल्क नहीं लिया जाएगा। कारोबारियों के अनुसार जीएसटी रिटर्न फाइल करने की अवधि का विस्तार स्वागतयोग्य है, लेकिन गंभीर तरलता संकट का सामना कर रहे कारोबारियों की मदद के लिए अतीत के विलंब के लिए विलंब शुल्क को भी सरकार को माफ कर देना चाहिए।
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ताकि कारोबारी समय पर करें रिटर्न फाइल
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार विलंब शुल्क यह सुनिश्चित करने के लिए लगाया जाता है कि करदाता समय पर रिटर्न (जीएसटीआर 3बी) फाइल करें और खरीददारों से प्राप्त धनराशि पर सरकार का बनने वाले कर का भुगतान करें। यह इस बात को भी सुनिश्चित करने का एक कदम है कि अनुपालना के संबंध में एक खास अनुशासन बना रहे।
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काउंसिल में होगी चर्चा
मंत्रालय सूत्रों की मानें तो जीएसटी में सभी निर्णय केंद्र और राज्यों द्वारा जीएसटी परिषद की मंजूरी से लिए जाते हैं। यह संभव नहीं है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर एकतरफा निर्णय ले ले और इसलिए कारोबारियों को सूचित कर दिया गया है कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विलंब शुल्क के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। जीएसटी परिषपद की बैठक कोरोनावायरस को रोकने के लिए लागू राष्ट्रव्यापाी लॉकडाउन के बाद पहली बार होने जा रही है। लॉकडाउन के कारण राज्य सरकारों का जीएसटी राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कई राज्य सरकारें के अप्रैल के जीएसटी संग्रह में 80-90 फीसदी तक गिरावट आई है।