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भारत का चावल निर्यात होता है इतना
एपीडा के आंकड़ों को मानें तो वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में भारत ने बासमती चावल का 38.36 लाख टन निर्यात किया था। जबकि उससे पहले यानी वित्त वर्ष 2018-19 की समान अवधि में चावल का निर्यात 38.55 लाख टन देखने को मिला था। वहीं बात गैर बासमती चावल के निर्यात की बात करें तो वित्त वर्ष 2019-20 के पहले 11 महीनों में 46.56 लाख टन का हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में चावल का निर्यात 68.25 लाख टन देखने को मिला था।
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दुनिया के इन इलाकों में है भारतीय बासमती की डिमांड
जानकारों की मानें तो भारतीय बासमती चावल की डिमांड सऊदी अरब, यमन, अमरीका और यूरोपीय देशों से लगातार आ रही है। कोरोना काल में भी इन देशों से आने वाली डिमांड काफी अच्छी देखने को मिली है। जिसकी वजह से कीमतों में भी सपोर्ट देखने को मिल रहा है। भारत से सबसे ज्यादा चावलों का इंपोर्ट ईरान करता है। ईरान में भारत के एक्सपोट्र्स का काफी रुपया फंसा हुआ है, जिसकी वजह से वहां पर एक्सपोर्ट नहीं कर रहा है।
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कितना होता है ईरान में चावल एक्सपोर्ट
ऑल इंडिया राइस एक्सपोटर्स एसोसिएशन के आंकड़ों की मानें तो 2018-19 में ईरान को भारत की ओर से 14.5 लाख टन बासमती चावल एक्सपोर्ट हुआ था। जानकारों की मानें तो कोरोना के चलते ईरान जाने वाले चावल पर इतना असर देखने को नहीं मिला है। वहीं दूसरे बाकी देशों में 75 से 80 लाख टन गैर बासमती चावल एक्सपोर्ट किया जाता है।