नाॅर्थ ब्लाॅक में कड़ी सुरक्षा
वित्त मंत्रालय ( ministry of finance ) का मुख्यालय नई दिल्ली के नाॅर्थ ब्लाॅक ( North Block ) के सचिवालय बिल्डिंग में है। बजट पेश होने के तीन सप्ताह पहले से ही यहां सुरक्षा को बढ़ा दिया जाता है। इस सुरक्षा में इंटेलिजेंस ब्यूरो ( IB ), दिल्ली पुलिस और CISF के जवानों की तैनाती होती है। हालांकि, इसके पहले भी यहां सुरक्षा रहती है, लेकिन बजट से ठीक पहले इस सुरक्षा को और बढ़ा दिया जाता है।
हलवा सेरेमनी से होती है बजट की शुरुआत
बजट छपाई की प्रक्रिया की शुरुआत पारंपरिक हलाव सेरेमनी ( Halwa Ceremony ) से होती है। हलवा बनने के बाद वित्त मंत्री समेत मंत्रालय के सभी कर्मचारियों में इसे बांटा जाता है। इसके बाद बजट छपाई का काम करने वाले सभी कर्मचारियों को बिल्डिंग के बेसमेंट ही रहना होता है। इन कर्मचारियों को बजट पेश होने तक यहां रहना होता है। बजट की छपाई इसी बेसमेंट होती है।
वित्त मंत्री तक नहीं देख सकते ये खास कागज
बजट से जुड़ी कुछ प्रमुख जानकारी को एक ‘ब्लू शीट’ में सुरक्षित तरीके से रखा जाता है। आपकी इस खास शीट की सुरक्षा का अंदाजा इस बात से ही लगा सकते हैं कि वित्त मंत्री तक भी इस कागज को नहीं देख सकते हैं। यह कागज बजट ज्वाइंट सेक्रेटरी के पास रखा जाता है। बजट पेश होने से कुछ सप्ताह पहले ही इस ब्लू शीट के ड्राफ्ट को बनाया जाता है। इसी कागज में बजट से जुड़ी सबसे महत्वपूर्ण बातें होती हैं।
प्रिटिंग प्रेस की कड़ी सुरक्षा
हलवा सेरेमनी के बाद करीब 100 कर्मचारियों को 24 घंटे मंत्रालय में ही रहना होता है। मंत्रालय के बेसमेंट दो प्रिंटिंग प्रेस होता हैं, जहां ये सभी कर्मचारी काम करते हैं। इन कर्मचारियों को बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता है। बाहरी संपर्क के लिए यहां फोन तक का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। इन कर्मचारियों के ठहरने और खाने की पूरी सुविधा मुहैया कराई जाती है। हालांकि, इन कर्मचारियों को किसी आपात स्थिति में काॅल करने के लिए एक खास कमरे में ले जाया जाता है, जहां ये इंटेलिजेंस अधिकारी की उपस्थिति में ही काॅल कर सकते हैं। यहां केवल वित्त मंत्री को ही आने-जाने की अुनमति होती। वित्त मंत्री को भी यहां फोन ले जाने की अुनमति नहीं होती है।
बजट स्पीच की तैयारी
वित्त मंत्री का बजट स्पीच पेश किए जाने से कुछ घंटे पहले ही फाइनल किया जाता है। तीन माह पहले से ही मीडिया को यहां आने की अनुमति नहीं हाेती है। हर एक छोटी-बड़ी की पूरी तरह से स्कैनिंग होती है। फोन काॅल्स को ब्लाॅक करने के लिए जैमर्स लगाया जाता है। कर्मचारी और वरिष्ठ अधिकारियों के इंटरनेट कनेक्शन को भी इस दौरान काट दिया जाता है। लैंडलाइन के जरिए किए जाने हर एक काॅल की माॅनिटरिंग की जाती है।
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