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अर्थव्‍यवस्‍था

चीन में कोरोना वायरस का असर, भारत के लिए निर्यात बढ़ाने का अवसर

सीईए ने कोलकाता आईआईएम में छात्रों को किया संबोधित
कोरोना वायरस भारत को दे सकता है निर्यात बढ़ाने का अवसर
मैन्युफैक्चरिंग के मामले में भारत और चीन का है एक जैसा पैटर्न

Feb 13, 2020 / 12:29 pm

Saurabh Sharma

chief economic adivisor

Corona virus effect in China, opportunity to increase exports to India

नई दिल्ली। देश के चीफ इकोनोमिक एडवाइजर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कोलकाता आईआईएम में एक ऐसी बात कर दी कि अब हर कोई इस मामले में सोचने पर मजबूर हो गया है । जी हां, उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि चीन में कोरोना वायरस का असर भारत को निर्यात बढ़ाने का अवसर दे रहा है। मौजूदा समय में चीन निर्यात के मामले में रुका हुआ है। अभी निर्यात में चीन को थोड़ा और समय लग सकता है ऐसे में भारत को इस मौके यानी चांस का फायदा उठाना चाहिए। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए यह भी कहा कि भारत और चीन का मैन्युफैैक्चरिंग पैटर्न एक जैसा है। ऐसे में भारत के कारोबारियों को इस मौके को भुनाना चाहिए। आपको बता दें कि भारत और चीन एशिया में बड़े ट्रेड पार्टनर्स में से एक है ऐसे में ट्रेड डेफिसिएट भी ज्यादा है।

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कोरोना का फायदा उठाए भारत
कोलकाता स्थित आईआईएम में कृष्णमूर्ति ने कहा कि कोरोना वायरस भारत को निर्यात आधारित मॉडल फॉलो करने का एक बेहतर चांस दे रहा है। उन्होंने इस बात को जोर देकर कहा कि दुनियाभर से कई कॉम्पोनेंट्स और पाट्र्स का इंपोर्ट करता है और उन्हें असेंबल कर एक्सपोर्ट करता है। भारत का मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग पैटर्न इसी तरह से काम करता है। ऐसे में भारत के पास इस मार्केट को कैप्चर करने अच्छा चांस हो सकता है। चीन के हुबेई से 94 नई मौतों की सूचना सामने आने के बाद वहां करॉनो वायरस की महामारी से मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 1,110 तक पहुंच गई।

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कोई भी इकोनॉमी नहीं रहती स्थिर
वहीं सीईए ने देश की जीडीपी पर बात करते हुए कहा कि इकोनॉमिक सर्वे में अगले वित्तीय वर्ष में 6 से 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, यह अनुमान तथ्यों और आधारों पर तय किया गया है। बजट 2020 में रूरलद एक्सपेंडिचर और कैपिटल एक्सपेंडिचर पर बहुत ध्यान दिया गया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी इकॉनमी में ग्रोथ रेट स्थिर नहीं रहता है, इसे औसत दर को एक रेंज में रखना होता है। आपको बता दें मौजूदा वित्त वर्ष में 5 फीसदी की जीडीपी दर रहने का अनुमान लगाया गया है।

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