10 से 11 फीसदी की वृद्दि संभव मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक इस बजट में सरकार अलग-अलग मंत्रालयों के आवंटन सीमा को 10 से 11 फीसदी तक बढ़ा सकती है। वित्त मंत्रालय के जुड़े सूत्रों के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि 2019-20 वित्त वर्ष के लिए बजट का आकार 27 लाख करोड़ हो सकता है। आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष में सरकार ने आम बजट का आकार 24.2 लाख करोड़ का रखा है। सरकार का ये आखिरी बजट है और बजट के ठीक बाद चुनावों को देखते हुए सरकार इसे हर तरह से लोकलुभावन करने की कोशिश कर सकती है। खास कर देश के किसान और सेना के जवान पर फोकस हो सकता है। इसलिए माना जा रहा है ये बजट लीक से अलग हटकर रहने वाला है।
जीडीपी के अनुपात में घट सकता है बजट का आकार बजट में हर साल सरकार की कोशिश होती है कि बजट का आकार जीडीपी के अनुपात में कम रखा जाए। मौजूदा वित्त वर्ष में बजट का आकार जीडीपी का करीब 13 फीसदी है। लेकिन माना जा रहा है कि वित्त वर्ष 2019-20 में इसे घटाकर 12.7 फीसदी किया जा सकता है। आपको बता दें कि वित्त वर्ष में 2009-10 में सरकार के बजट का आकार जीडीपी का 15.8 प्रतिशत था, जिसे घटाकर अब 13 फीसदी पर लाया गया है।
क्यों रहेगा किसान और सेना पर फोकस पिछले बजट में किसानों और रक्षा क्षेत्र को उनके मन के मुताबिक सबकुछ नहीं मिल पाया था। खासकर डिफेंस सेक्टर पूरी तरह के संतुष्ट नही था। बजट में इन क्षेत्रों पर फोकस इसलिए रहने की संभावना है कि पिछले बजट के बाद इन दोनों क्षेत्र ने कई सवाल भी खड़े किए थे।